Amethi Sangram: Aitihasik Jeet Ankahi Dastan

Author:

Anant Vijay

Publisher:

Eka

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Publisher

Eka

Publication Year 2020
ISBN-13

9789389648867

ISBN-10 9789389648867
Binding

Paperback

Number of Pages 228 Pages
Language (Hindi)
Dimensions (Cms) 21.5 x 14 x 1.5
Weight (grms) 210
पिछले कुछ दशकों में अमेठी की असली पहचान तो भुला ही दी गई। एक ऐसी भूमि, जो महर्षि च्यवन की तपस्थली, माता कालिकन देवी का धाम और राजा सोढ़ देव की वीरगाथाओं के साथ ही स्थानीय निवासियों की आस्था, विश्वास व श्रम से निर्मित होकर परिपूर्ण थी, उसने आजादी के बाद आगे बढ़ने की बजाय उलटी राह पकड़ ली। इस पर सियासत का एक कृत्रिम आवरण सा चढ़ गया और इसे एक राजनीतिक पर्यटन स्थल के रूप में तब्दील कर दिया गया। अमेठी, कहने को तो वीवीआईपी क्षेत्र था, पर क्या स्थिति वाकई ऐसी थी? क्या इसे वह विशेष दर्जा प्राप्त हुआ था? 2014 के लोकसभा चुनाव में जब भारतीय जनता पार्टी की उम्मीदवार के रूप में स्मृति इरानी यहाँ पहुँचीं, तब अमेठी की पहचान का यह आवरण खुला। अमेठी संग्रामउसी अनदेखे सच को उजागर करती है। इसमें स्मृति इरानी की वर्ष 2014 से वर्ष 2019 की संघर्ष यात्रा है। उनकी विजय के कारकों को समझने के बहाने भारतीय राजनीतिक दलों और नेताओं की कार्यशैली, राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ की दूरदृष्टि, भाजपा की रणनीति, प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की लोकप्रियता, गाँधी परिवार की ताकत का मिथक और क्षेत्रीय दलों के स्वार्थ का लेखा-जोखा है। इसके अलावा स्मृति इरानी की रणनीतिक, व्यवहारिक और राजनीतिक कार्यशैली को भी यह किताब सूक्ष्मता से खोलती है।

Anant Vijay

अनंत विजय करीब ढाई दशक से पत्रकारिता में सक्रिय हैं। राजनीति, साहित्य और सिनेमा पर आपके लिखे की देशभर में व्याप्ति है। आपने भागलपुर विश्वविद्यालय से इतिहास में बी.ए. (ऑनर्स), दिल्ली विश्वविद्यालय से पत्रकारिता में स्नातकोत्तर, पत्रकारिता में एमएमसी और बिजनेस मैनेजमेंट में स्नातकोत्तर डिप्लोमा प्राप्त किया है। आपकी ग्यारह पुस्तकें प्रकाशित हो चुकी हैं। इनमें प्रसंगवश, कोलाहल कलह में, विधाओं का विन्यास, बॉलीवुड सेल्फी, लोकतंत्र की कसौटी और मार्क्सवाद का अर्धसत्य काफी चर्चित रहीं। फिलहाल दैनिक जागरण में एसोसिएट एडिटर के तौर पर कार्यरत हैं। आपको सिनेमा पर सर्वोत्कृष्ट लेखन के लिए राष्ट्रीय पुरस्कार (स्वर्ण कमल) से सम्मानित किया जा चुका है।
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