Bagi Sultan: Khilji Se Shivaji Tak Ka Deccan (Hindi Edition)

Author:

Manu S. Pillai

Publisher:

Eka

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Publisher

Eka

Publication Year 2020
ISBN-13

9789389648539

ISBN-10 9789389648539
Binding

Paperback

Number of Pages 275 Pages
Language (Hindi)
Dimensions (Cms) 21.5 x 14 x 1.7
Weight (grms) 260
सन् 1707 में जब बादशाह औरंगज़ेब की मौत हुई, तो मुग़ल साम्राज्य में दरार आनी शुरू हो गई। ये दक्कन पर जीत का लालच था जिसने इस बादशाह की ताक़त सोख ली थी, और उसे उसके सबसे ख़तरनाक दुश्मनों के साथ टकराव के रास्ते पर डाल दिया था। आखिरकार, दक्कन ऐसी ज़मीन थी जो लोगों को चौंकाती थी। इसके ख़ज़ाने मशहूर थे, और इसके शासक आलीशान। ये रोमांच पैदा करने वाली ज़मीन थी जहाँ समुद्र पार करके हुनरमंद लोग आते थे। यहाँ आने वाले सैलानियों की मुलाकात यूरोपीय निशानेबाज़ों के दस्ते से हो सकती थी, जो सेना में भर्ती होने के लिए तैयार रहते थे,और उन्हें ऐसे डरावने किले दिख सकते थे जहाँ अफ्रीकी जागीरदारों ने सत्ता की ऊँचाई छूई थी। दक्कन के बाज़ारों में हीरे और मोतियों के ढेर पड़े रहते थे, जबकि इसके दरबारों में फ़ारसी और मराठा, पुर्तगाली और जॉर्जियाई जागीरदार फलते-फूलते थे, जिनकी दुनिया में नाटक भी था और धोखा भी। दक्कन में हज़ारों की किस्मत निखरी थी, और इसी वजह से पीढ़ियों तक मुग़ल बादशाहों के मन में इसके लिए जलन थी। बाग़ी सुल्तान में, मनु एस. पिल्लई तेरहवीं सदी के अन्त से लेकर अठारहवीं सदी की शुरुआत तक की दक्कन की कहानी सुनाते हैं। रोचक कहानियों और बांधकर रखने वाले किरदारों से भरी ये किताब हमें अलाउद्दीन खिलजी के समय से लेकर शिवाजी के उदय तक की सैर कराती है। हम विजयनगर साम्राज्य का नाटकीय उत्थान और पतन देखते हैं, साथ ही हमारा वास्ता बहमनी सुल्तानों और उन्हें उखाड़ फेंकने वाले बाग़ी सुल्तानों के दरबार की साज़िशों से पड़ता है। बहादुर रानी चांद बीबी, जिसे छुरा घोंपकर मार डाला गया, और बीजापुर का इब्राहिम द्वितीय, जो मुस्लिम होते हुए भी हिन्दू देवताओं को पूजता था, मलिक अंबर जो इथियोपिया से आया सिपहसालार था, और विजयनगर के हीरक सिंहासन पर बैठने वाले कृष्णदेव राय—ये सभी इन पन्नों में हमारे सामने आते हैं जब हम भारतीय इतिहास के सबसे ज़्यादा हैरत में डालने वाले घुमावदार रास्तों से गुज़रते हैं। हमारे मध्यकालीन अतीत के एक भूले हुए अध्याय को उजागर करती बाग़ी सुल्तान हमें दक्कन के एक अलग युग और एक अलग काल की याद दिलाती है—जिसने एक साम्राज्य का अन्त कर दिया और हिन्दुस्तान की किस्मत को दोबारा लिखा।

Manu S. Pillai

Manu S. Pillai is an Indian writer whose book The Ivory Throne won the Sahitya Akademi Yuva Puraskar in 2017.Currently studying for a PhD at King’s College London, he is also the author of The Courtesan, the Mahatma & the Italian Brahmin, a collection of essays compiled from his column in Mint Lounge (2016–2019). His writing has appeared in The Hindu, Hindustan Times, Open magazine and other publications. Rebel Sultans is Manu’s second book.
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