Dr. Gourhari Dass
साहित्य अकादेमी के कार्यकारी मंडल के सदस्य रहे गौरहरि दास ओडिशा के समुद्र तटीय जनपद भद्रक के एक गाँव में सन् 1960 में पैदा हुए। साहित्य में पी-एच.डी. और पत्रकारिता में एम.ए. कर ओडिशा की प्रतिष्ठित पत्रिका 'कथा’ के सम्पादक, दैनिक 'संवाद’ के फीचर सम्पादक और 'संवाद मीडिया संस्थान’ के प्राचार्य हुए। ओड़िया में इनके सोलह कहानी-संग्रह, पाँच उपन्यास, पाँच निबन्ध-संग्रह, तीन यात्रा-वृत्त और पत्रकारीय लेखन के कई संग्रह छपे हैं। अंग्रेजी में 'लिटिल मंक एंड अदर स्टोरीज’ तथा 'कोरापुट एंड अदर स्टोरीज’ के अलावा हिन्दी में 'मथुरा का मानचित्र तथा अन्य कहानियाँ’ और 'दूर आकाश का पंछी’ प्रकाशित हैं। तीन दशक से ओड़िया पाठकों में अत्यन्त लोकप्रिय स्तम्भ 'जीवनर जलछवि’ लिख रहे गौरहरि की तमाम रचनाएँ भारतीय भाषाओं में अनूदित हुई हैं। उन्होंने खुद भी यशपाल, कृष्णा सोबती, कुलदीप नैयर, रस्किन बॉन्ड और बेन्जामिन की कृतियों के ओड़िया अनुवाद किए हैं। बचपन से ही जिन्दगी की हकीकत से दो-चार होते रहे गौरहरि के संघर्षमय जीवन की झलक उनकी रचनाओं में यत्र-तत्र दिख जाती है। अमेरिका, चीन, जर्मनी, इंग्लैंड, फ्रांस, स्वीडन, स्विट्जरलैंड और नीदरलैंड जैसे अनेक देशों की यात्रा कर चुके गौरहरि को 'साहित्य अकादेमी पुरस्कार’, 'संगीत नाटक अकादेमी पुरस्कार’ और 'ओडिशा साहित्य अकादेमी पुरस्कार’ के अलावा 'फकीर मोहन सेनापति पुरस्कार’ भी प्राप्त है।
Dr. Gourhari Dass
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