Nandkishore Nandan
जन्म : 28 फरवरी, मुजफ्फरपुर (बिहार)। निम्न मध्यवर्गीय परिवार।
शिक्षा : हिन्दी से एम.ए., पी-एच. डी.। स्नातकोत्तर हिन्दी विभाग, बी.आर.ए. बिहार विश्वविद्यालय, मुजफ्फरपुर के प्रोफेसर एवं अध्यक्ष पद से अवकाशोपरान्त लेखन एवं सामाजिक कार्यों में निरन्तर सक्रिय।
प्रकाशित कृतियाँ : अभी अंत नही (उपन्यास); नाटक घर (कहानी-संग्रह); छूती हुई दूरियाँ, ये मेरे शब्द (कविता-संग्रह); किस कल के लिए, जब गांधी चुनाव लड़े, मेरा वतन कहाँ है और आग हुए हम (गीत-संग्रह); गायक स्वच्छन्द हिमाचल का, रहबर और रहनुमा प्रेमचंद, युग द्रष्टा : कवि गोपाल सिंह नेपाली , स्वप्न हूँ भविष्य का, केदारनाथ मिश्र 'प्रभात' सांस्कृतिक चेतना के कवि (आलोचना); संगीत मन को पंख लगाए (मन्ना डे पर केन्द्रित)।
शीघ्र प्रकाश्य : दाग पुराना छूटत नाहीं (उपन्यास); नंगे धड़ पर...(कहानी-संग्रह); खुशबू बनकर बिखर गया हूँ (गजल-संग्रह); हरसिंगार हैं खिले (प्रेम-गीतों का संग्रह); उलझन मियाँ की वापसी (व्यंग्य-संग्रह); समकालीन कविता का मुक्ति संघर्ष (आलोचना); हिन्दू होने की अन्तर्वेदना (सामयिक प्रसंगों पर आलेख)
सम्पादन : 'हस्तक्षेप' एवं 'युगावलोकन' अनियतकालीन पत्रिकाओं का सम्पादन। नेपाली के शताब्दी वर्ष में उनके सभी सातों संग्रहों का सम्पादन—'गोपाल सिंह नेपाली की श्रेष्ठ कविताएँ' एवं 'गोपाल सिंह नेपाली की संकलित कविताएँ'।
सम्मान : नागार्जुन पुरस्कार (राजभाषा विभाग, बिहार सरकार), प्रथम कवि शील सम्मान, हिन्दी साहित्य सेवी सम्मान (बिहार राष्ट्रभाषा परिषद्, पटना), बी.पी. मंडल सम्मान (राजभाषा विभाग, बिहार सरकार) आदि।
सम्पर्क : हरीतिमा , चौधराइन मंदिर गली, नया टोला, मुजफ्फपुर - 842001 (बिहार)।
Nandkishore Nandan
RADHAKRISHAN PRAKASHAN PVT. LTD