Nithale Ki Diary

Author:

Harishankar Parsai

Publisher:

Rajkamal Parkashan Pvt Ltd

Rs179 Rs199 10% OFF

Availability: Available

Shipping-Time: Usually Ships 1-3 Days

    

Rating and Reviews

0.0 / 5

5
0%
0

4
0%
0

3
0%
0

2
0%
0

1
0%
0
Publisher

Rajkamal Parkashan Pvt Ltd

Publication Year 2016
ISBN-13

9788126713042

ISBN-10 9788126713042
Binding

Paperback

Number of Pages 139 Pages
Language (Hindi)
Dimensions (Cms) 20X14X4
Weight (grms) 100

Book discription is not available

Harishankar Parsai

हरिशंकर परसाई जन्म: 22 अगस्त, 1924। जन्म-स्थान: जमानी गाँव, जिला होशंगाबाद (मध्य प्रदेश)। मध्यवित्त परिवार। दो भाई, दो बहनें। स्वयं अविवाहित रहे। मैट्रिक नहीं हुए थे कि माँ की मृत्यु हो गई और लकड़ी के कोयले की ठेकेदारी करते पिता को असाध्य बीमारी। फलस्वरूप गहन आर्थिक अभावों के बीच पारिवारिक जिम्मेदारियाँ। यहीं से वास्तविक जीवन-संघर्ष, जिसने ताकत भी दी और दुनियावी शिक्षा भी। फिर भी आगे पढ़े। नागपुर विश्वविद्यालय से हिन्दी में एम.ए.। फिर ‘डिप्लोमा इन टीचिंग’। प्रकाशित कृतियाँ: हँसते हैं रोते हैं, जैसे उनके दिन फिरे (कहानी-संग्रह); रानी नागफनी की कहानी, तट की खोज (उपन्यास); तब की बात और थी, भूत के पाँव पीछे, बेईमानी की परत, वैष्णव की फिसलन, पगडंडियों का ज़माना, शिकायत मुझे भी है, सदाचार का ताबीज, विकलांग श्रद्धा का दौर (सा.अ. पुरस्कार); तुलसीदास चंदन घिसैं, हम इक उम्र से वाकिफ हैं, जाने -पहचाने लोग (व्यंग्य निबंध-संग्रह)। रचनाओं के अनुवाद लगभग सभी भारतीय भाषाओं और अंग्रेजी में। ‘परसाई रचनावली’ शीर्षक से छह खंडों में रचनाएँ संकलित। निधन: 10 अगस्त, 1995.
No Review Found
More from Author