Publisher |
Manjul Publishing House Pvt. Ltd. |
Publication Year |
2019 |
ISBN-13 |
9788183227810 |
ISBN-10 |
9788183227810 |
Binding |
Paperback |
Edition |
Second |
Number of Pages |
360 Pages |
Language |
(Hindi) |
Dimensions (Cms) |
21.7 X 14 X 2.2 |
Weight (grms) |
312 |
मुनव्वरनामा, इस सदी के सबसे मसहूर शायरों मैं से एक मुनव्वर राना जी की चुनिंदा रचनाओं का संकलन है. राना साहब की कामयाबी का राज़ ये है कि वे ज़ज़्बात को बोलचाल की ज़बान में बड़ी सादगी और ख़ूबसूरती के साथ ग़ज़ल बना देते हैं. उनके कलाम में बनावट नहीं है. इस संकलन में भी हमें उनकी सीरत में बसी मिटटी की ख़ुशबू का एहसास होता है, उनके गांव और कस्बात की यादें भी झलकती हैं.राना अपनी शायरी में हिंदुस्तान की गंगा-जमुनी तहज़ीब की नुमाइंदगी करते हैं. संवेदना और विचार के बीच आश्चर्यजनक संतुलन स्थापित कर जब वे अपनी रचनाएँ हमारे आगे परोसते हैं तो जैसे आम आदमी के सभी विचारों को ज़ुबान मिल जाती है !
Munawwar Rana
कई दशकों से अपने मुल्क और मुल्क की सरहदों को पार कर ग़ज़ल को हिंदुस्तानी तहज़ीब में ढालकर लोकप्रियता के शिखर पर पहुँचाने वाले शायर का नाम है सैयद मुनव्वर अली राना. अदब की अंजुमन में इस शायर को सिर्फ़ मुनव्वर राना के नाम से जाना और पहचाना जाता है. इनकी शायरी की भाषा न हिंदी है न उर्दू, बल्कि हिंदूस्तानी है. मुनव्वर आधुनिक दौर के प्रगतिशील शायर हैं. वे जिस संजीदगी से कागज़ पर अपनी संवेदनाओं को उकेरते हैं उतनी ही संजीदगी और ज़िम्मेदारी से मंच पर अपने कलाम पेश करते हैं.
हिंदी उर्दू के काव्य मंच हों या पत्र-पत्रिकाओं का संसार, उनकी मौजूदगी अभिभूत कर देती है !
Munawwar Rana
Manjul Publishing House Pvt. Ltd.