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Publisher | Sahitya Akademi |
Publication Year | 2020 |
ISBN-13 | 9788126040230 |
ISBN-10 | 8126040238 |
Binding | Paperback |
Number of Pages | 144 Pages |
Language | (Hindi) |
प्रेमचंद (1830-1936) भारत के शीर्षस्थ एवं कालजयी साहित्यकारों में से एक हैं । संपूर्ण विश्व साहित्य में उनका नाम बड़े आदर और सम्मान के साथ लिया जाता है । वे बहुमुखी प्रतिभा-संपन्न साहित्यकार थे । उन्होंने उपन्यास, कहानी, नाटक, लेख, संपादकीय, संस्मरण, समीक्षा आदि गद्य विधाओं में लिखा, लेकिन उन्हें एक कहानीकार और उपन्यास लेखक के रूप में ही ज्यादा पहचाना गया । उन्हें अपने जीवनकाल में ही 'उपन्यास-सम्राट' की पदवी मिल गई थी ।प्रेमचंद ने 15 उपन्यास, 300 से अधिक कहानियाँ, 3 नाटक, 10 अनुवाद, 7 बाल पुस्तकें तथा हज़ारों लेख, संपादकीय, भाषण, भूमिका आदि की लेखकीय धरोहर छोड़ी है । यह स्थिति हिंदी एवं उर्दू दोनों भाषाओं से ही दिखाई पड़ती है, चूँकि वे इन दोनों ही भाषाओं में समान रूप से सृजनशील थे ।उनका उपन्यास गोदान और कहानी 'कफ़न' उनकी सर्वाधिक चर्चित और कालजयी रचनाएँ हैं । प्रेमचंद की रचनाओं में भारतीय किसान के करुण जीवन के यथार्थ को मर्मभेदी रूप में प्रस्तुत किया गया है । उनकी रचनाओं की सामग्री उनके जीवन के निजी अनुभवों और निकट परिवेश के सूक्ष्म निरीक्षण से समेटी गई है ।
Kamal Kishore Goyanka
Sahitya Akademi