Napoleon Bonaparte

Author:

VIMAL KUMAR

Publisher:

Prabhat Prakashan Pvt Ltd

Rs250

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Publisher

Prabhat Prakashan Pvt Ltd

Publication Year 2020
ISBN-13

9789350481509

ISBN-10 9350481502
Binding

Paperback

Number of Pages 136 Pages
Language (Hindi)
Weight (grms) 172
नेपोलियन बोनापार्ट के कुछ महत्त्वपूर्ण विचार लोग अपने अधिकारों की अपेक्षा अपने स्वार्थों के लिए ज्यादा मजबूती से लड़ते हैं। सच्चा आदमी किसी से नफरत नहीं करता। अवसरों के बिना योग्यता धरी-की-धरी रह जाती है। चार विरोधी अखबार हजारों संगीनों से ज्यादा डरावने हो सकते हैं। महत्त्वाकांक्षा किसी महानायक का जुनून हो सकती है। जो इससे प्रेरित होते हैं, वे बहुत अच्छे या बहुत बुरे कार्य कर सकते हैं। जो जीत के प्रति आशंकित होता है, वह निश्‍चित रूप से हारता है। मेरी आपके लिए एक ही सलाह है, त्रुटिहीन बनो। यदि मुझसे धर्म का चुनाव करने के लिए कहा जाए तो सार्वभौमिक जीवनदाता सूर्य को मैं अपना ईश्‍वर चुनूँगा। यदि तुम चाहते हो कि कोई काम एकदम ठीक से हो तो उसे स्वयं करो। किसी लोकप्रिय शख्सियत को नजदीक से देखा जाए तो उसकी गरिमा का पर्वत भरभरा उठता है। नेपोलियन बोनापार्ट ने फ्रांसीसी क्रांति के एक जनरल से लेकर सम्राट्ï नेपोलियन बोनापार्ट तक का सफर तय किया। वह 11 नवंबर, 1799 से लेकर 18 मई, 1804 तक फ्रेंच रिपब्लिक के पहले काउंसिल के रूप में फ्रांस के शासक रहे। 18 मई, 1804 से लेकर 6 अप्रैल, 1814 तक वे नेपोलियन प्रथम के रूप में फ्रांस के सम्राट्ï और इटली के राजा थे। किसी भी भूमिका में वे पश्‍चिम के इतिहास के अब तक के सबसे यशस्वी व्यक्‍तित्वों में से एक हैं। वे फ्रांसीसी राज्य के सैन्य विस्तार के लिए समर्पित थे, जिसके लिए उन्होंने सैन्य संगठन और प्रशिक्षण में क्रांति ला दी। दुनिया भर की सैन्य अकादमियों में उनके अभियानों का अध्ययन किया जाता है और उन्हें अब तक का एक महानतम कमांडर माना जाता है। नेपोलियन के कई सुधारों ने फ्रांस के संस्थानों और पश्‍चिमी यूरोप के अनेक हिस्सों पर अमिट छाप छोड़ी। अपने जीवनकाल में उन्होंने बहुत सम्मान अॢजत किया और इसीलिए उन्हें इतिहास का एक महानायक माना गया। एक महान् शासक और सेनानायक की प्रेरणादायक एवं पठनीय जीवनगाथा।.

VIMAL KUMAR

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