चिकनी चुपड़ी (Chikni Chupdi) - कविताओं की खिचड़ी

Author:

Harkirat Singh Dhingra

Publisher:

StoryMirror Infotech Pvt. Ltd.

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Publisher

StoryMirror Infotech Pvt. Ltd.

Publication Year 2021
ISBN-13

9789391116705

ISBN-10 9391116701
Binding

Paperback

Number of Pages 192 Pages
Language (Hindi)
Weight (grms) 254

चिकनी चुपड़ी" एक ऐसा संकलन है, उन भावनाओं का, चेष्टाओं का, चाहतों का, अभिव्यक्ति का, वार्तालाप का, आप बीती का, एहसास का, स्वाद का.....जी हां आप भी पूछेंगे ... है क्या? जी हां, ये मिश्रित संग्रह है "चिकनी चुपड़ी- कविताओं की खिचड़ी" का। मैंने जो भी लिखा वो मेरे मन के भाव, प्रतिकृया या मेरी अवलोकन को लयबध तरीके में पिरोने की कोशिश मात्र है। हाँ, अगर एक्सीडेंटल प्राइम मिनिस्टर हो सकता है तो मुझे भी आप एक एक्सीडेंटल कवि कह सकते हैं। मेरी कवितायें, तुकबंदी मेरे मित्रों को, अपनो को, अच्छी लगी तो प्रोत्साहन मिला और फिर एक वक़्त वो आया मैं किसी भी टॉपिक पर कविता लिखने लगा... जैसे "चल यार, फिर कुतुब मीनार", "ये उन दिनों की है बात", "बोली थी Dp भी", "बेटियां... एक सौगात", "YEZDI की याद आई","उबलते आलुओं से उठता हैं धुआँ", "टुट गयी कडक कर के", "भुट्टा, सौगात बरसतों की","उम्र में दो साल छोटे हो" वगैरा... वगैरा... वगैरा। मेरा पाठकों से, निवेदन है की आप इस संग्रह के शुरुआत मैं लिखा "यादे-माज़ी के आईने में...." ज़रूर पढ़ीये। सुप्रसिद्ध लेखिका एलिज़बेथ कुरियन 'मोना' जी ने एक अनोखे अंदाज़ में, मेरी कुछ चुनिन्दा कविताओं पर टिप्पणी तो की है, उनके स्वरूप का सार, बड़े सुंदर शब्दों में प्रस्तुत किया है। प्रस्तुत है, हर्षित उलास के साथ मेरे प्रथम प्रयास "चिकनी चुपड़ी" कविताओं की खिचड़ी चखिये, खाइये, मज़ा लीजिये।

Harkirat Singh Dhingra

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