Publisher |
Rajkamal Parkashan Pvt Ltd |
Publication Year |
2017 |
ISBN-13 |
9788126724123 |
ISBN-10 |
9788126724123 |
Binding |
Paperback |
Number of Pages |
144 Pages |
Language |
(Hindi) |
Dimensions (Cms) |
20 x 14 x 4 |
Weight (grms) |
250 |
राजेश जोशी की कविताओं को पढ़ना एक पीढ़ी और उसके समय से दस-पन्द्रह साल पीछे की कविता और उससे जुड़ी बहसों के बारे में सोचना, और इतने ही साल आगे की कविता और उसकी मुश्किलों की ओर ताकना है। कविता की एक संश्लेषी परम्परा रही है, जिसके भीतर राजेश जोशी की सक्रियता देखी जा सकती है। इसी बात ने उन्हें खास पहचान दी और समकालीन कविता को भी। केदारनाथ सिंह का यह कथन बिल्कुल दुरुस्त है कि 'राजेश जोशी आज की कविता के उन थोड़े से महत्त्वपूर्ण हस्ताक्षरों में हैं, जिनसे समकालीन कविता की पहचान बनी है।' राजेश जोशी की 'समझ' से समकालीन कविता और उसकी नई पीढ़ी अभिन्न है। कविता की एक संश्लेषी परम्परा, जो पीछे ही नहीं आगे भी जाती है। इसमें प्रतिरोध और प्रतिबद्धता है तो पर्याप्त लोच भी है।
Rajesh Joshi
18 जुलाई, 1946 नरसिंहगढ़, मध्य प्रदेश में जन्म। लम्बी कविता : समरगाथा; कविता-संग्रह : धूपघड़ी, नेपथ्य में हँसी, दो पंक्तियों के बीच, चाँद की वर्तनी, जिद। बच्चों के लिए कविताएँ :गेंद निराली मीठू की। कहानी-संग्रह : कपिल का पेड़, मेरी चुनी हुई कहानियाँ। एक आख्यान : किस्सा कोताह। दो आलोचना पुस्तकें : एक कवि की नोटबुक, एक कवि की दूसरी नोटबुक (समकालीनता और साहित्य)। नाटक : जादू जंगल, अच्छे आदमी, पाँसे और सपना मेरा यही सखी। बच्चों के लिए एक नाटक : ब्रह्मराक्षस का नाई।
Rajesh Joshi
Rajkamal Parkashan Pvt Ltd