Vichar Ka Aina Kala Sahitya Sanskriti Jawaharlal Nehru

Author:

Jawaharlal Nehru

Publisher:

LOKBHARTI PRAKASHAN

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Publisher

LOKBHARTI PRAKASHAN

Publication Year 2023
ISBN-13

9789392186820

ISBN-10 9392186827
Binding

Paperback

Number of Pages 216 Pages
Language (Hindi)
Dimensions (Cms) 22.5 X 14.5 X 2

विचार का आईना शृंखला के अन्तर्गत ऐसे साहित्यकारों, चिन्तकों और राजनेताओं केकला साहित्य संस्कृतिकेन्द्रित चिन्तन को प्रस्तुत किया जा रहा है जिन्होंने भारतीय जनमानस को गहराई से प्रभावित किया। इसके पहले चरण में हम मोहनदास करमचन्द गांधी, रवीन्द्रनाथ ठाकुर, प्रेमचन्द, जयशंकर प्रसाद, जवाहरलाल नेहरू, राममनोहर लोहिया, रामचन्द्र शुक्ल, सूर्यकान्त त्रिपाठीनिराला’, महादेवी वर्मा, सच्चिदानन्द हीरानन्द वात्स्यायनअज्ञेयऔर गजानन माधव मुक्तिबोध के विचारपरक लेखन से एक ऐसा मुकम्मल संचयन प्रस्तुत कर रहे हैं जो हर लिहाज से संग्रहणीय है।   जवाहरलाल नेहरू ऐसे चिन्तक राजनेता हैं जिन्होंने भारत को आधुनिक विश्व परिदृश्य में एक समर्थ देश के रूप में प्रतिष्ठित करने का प्रयास किया। जिनके दिखाए रास्ते पर आधुनिक भारत आगे बढ़ा। गांधी की अगुआई में स्वतंत्रता आन्दोलन में सक्रिय नेहरू लम्बे समय तक जेलों में रहे। स्वतंत्र भारत के पहले प्रधानमंत्री के रूप में उन्होंने गुटनिरपेक्ष आन्दोलन का सपना देखा जिसने दुनिया भर में भारत का मान बढ़ाया। उनके मन में भारत की समृद्ध सांस्कृतिक विरासत और बहुलता के प्रति अथाह सम्मान था। आज जब भारत की सांस्कृतिक बहुलता को खंडित करने का सपना देखनेवाली राजनीतिक ताकतें मजबूत हुई हैं, ऐसे में हमें उम्मीद है कि नेहरू के कला, साहित्य और संस्कृति सम्बन्धी प्रतिनिधि निबन्धों की यह किताब भारत की सांस्कृतिक विरासत और बहुलताको दूर करने और उनकी अपरिहार्य आवश्यकता को समझाने में सहायक होगी।

Jawaharlal Nehru

Jawaharlal Nehru was born on 14 November 1889 at Allahabad and educated in England, at Harrow and Cambridge. In 1912, Nehru returned home to play a central role in India’s struggle for freedom from British colonial rule, and then, as prime minister of independent India for seventeen years, went on to shape the nation’s future as a modern, secular and democratic state. He died in office, on 27 May 1964. Visionary and idealist, scholar and statesman of international stature, Nehru was also an outstanding writer. His three most renowned books—An Autobiography, Glimpses of World History and The Discovery of India—have acquired the status of classics, and are all published by Penguin.

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