Nirupama

Author:

Suryakant Tripati

Publisher:

Rajkamal Parkashan Pvt Ltd

Rs135 Rs150 10% OFF

Availability: Available

    

Rating and Reviews

0.0 / 5

5
0%
0

4
0%
0

3
0%
0

2
0%
0

1
0%
0
Publisher

Rajkamal Parkashan Pvt Ltd

Publication Year 2016
ISBN-13

9788126713295

ISBN-10 9788126713295
Binding

Paperback

Number of Pages 128 Pages
Language (Hindi)
Dimensions (Cms) 20 x 14 x 4
Weight (grms) 1000
N.A.

Suryakant Tripati

सूर्यकान्त त्रिपाठी 'निराला' नराला का जन्म वसन्त पंचमी, 1896 को बंगाल के मेदिनीपुर जिले के महिषादल नामक देशी राज्य में हुआ। निवास उत्तर प्रदेश के उन्नाव जिले के गढ़ा कोला गाँव में। शिक्षा हाईस्कूल तक ही हो पाई। हिन्दी, बांग्ला, अंग्रेजी और संस्कृत का ज्ञान आपने अपने अध्यवसाय से स्वतन्त्र रूप में अर्जित किया। प्राय: 1918 से 1922 ई. तक निराला महिषादल राज्य की सेवा में रहे, उसके बाद से सम्पादन, स्वतन्त्र लेखन और अनुवाद-कार्य। 1922-23 ई. में 'समन्वयÓ (कलकत्ता) का सम्पादन। 1923 ई. के अगस्त से 'मतवाला'—मंडल में। कलकत्ता छोड़ा तो लखनऊ आए, जहाँ गंगा पुस्तकमाला कार्यालय और वहाँ से निकलनेवाली मासिक पत्रिका 'सुधा' से 1935 ई. के मध्य तक सम्बद्ध रहे। प्राय: 1940 ई. तक लखनऊ में। 1942-43 ई. से स्थायी रूप से इलाहाबाद में रहकर मृत्यु-पर्यन्त स्वतन्त्र लेखन और अनुवाद कार्य। पहली प्रकाशित कविता : 'जन्मभूमि' ('प्रभा', मासिक, कानपुर, जून, 1920)। पहली प्रकाशित पुस्तक : 'अनामिका' (1923 ई.)। प्रमुख कृतियाँ : कविता-संग्रह : अनामिका, आराधना, गीतिका, अपरा, परिमल, गीतगुंज, तुलसीदास, कुकुरमुत्ता, बेला, अर्चना, नए पत्ते, अणिमा, रागविराग, सांध्य काकली, असंकलित रचनाएँ। उपन्यास : बिल्लेसुर बकरिहा, अप्सरा, अलका, कुल्लीभाट, प्रभावती, निरुपमा, चोटी की पकड़, भक्त ध्रुव, भक्त प्रहलाद, महाराणा प्रताप, भीष्म पितामह, चमेली, काले कारनामे, इन्दुलेखा (अपूर्ण)। कहानी-संग्रह : सुकुल की बीवी, लिली, चतुरी चमार, महाभारत, सम्पूर्ण कहानियाँ। निबन्ध-संग्रह : प्रबन्ध प्रतिमा, प्रबन्ध पद्म, चयन, चाबुक, संग्रह। संचयन : दो शरण, निराला संचयन (सं. दूधनाथ सिंह), निराला रचनावली। निधन : 15 अक्टूबर, 1961
No Review Found