Bangladesh Se Kyon Bhag Rahe Hain Hindu

Author:

Salam Azad

Publisher:

Rajkamal Parkashan Pvt Ltd

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Publisher

Rajkamal Parkashan Pvt Ltd

Publication Year 2017
ISBN-13

9788126730100

ISBN-10 9788126730100
Binding

Paperback

Number of Pages 127 Pages
Language (Hindi)
Dimensions (Cms) 20 x 14 x 4
Weight (grms) 140
N.A.

Salam Azad

जन्म: 10 जुलाई, 1964 को बांग्लादेश के विक्रमपुर जिले के दामला गाँव में। शिक्षा: सर जे.सी. बोस इंस्टीट्यूशन के मेधावी छात्र रहे। बाद में गाइबांधा गवर्नमेंट कॉलेज और ढाका विश्वविद्यालय में पढ़ाई-लिखाई की। वृत्ति: कुछ समय तक पत्रकारिता करने के बाद संप्रति बांग्लादेश की एक गैर-सरकारी संस्था ‘एमिटी फार पीस’ में कार्यरत। प्रकाशित कृतियाँ: हिन्दी, अंग्रेजी और बंगला में लगभग 41 पुस्तकें - विज्ञानी जगदीश चंद्र बसु: जीवन ओ गवेषणा, रवींद्रनाथ जे भावे लिखतेन जेमन करे लिखतेन, पत्रावली, जगदीश चन्द्र बसु, देशत्याग: साम्प्रतिक भावना, युद्ध शिशु, महापुरुष विशुद्धानंद महाथेरो, रवींद्रनाथ के लेखा जगदीश चंद्र बसु पत्रावली, श्वेतपत्र, प्रफुल्लचंद्र राय, रवींद्रनाथेर नाइटहुड प्रत्याख्यानेर दलील ओ अन्यान्य प्रसंग, विश्वकविर सोनार बांग्ला, पतिसरे रवींद्रनाथ, शांतिवाहिनी ओ शांति चुक्ति, पार्वत्य चट्टग्राम प्रसंग, चुक्ति उत्तर पार्वत्य चट्टग्राम ओ आदिवासी प्रसंग, नजरुल स्मारक ग्रंथ, जीवनानंद दास स्मारक ग्रंथ, एथनिक क्लींजिंग, बांगलादेशेर बिपन्न संखालघु, बंगबंधु जेनेभा ओ अन्यान्य, अन्नदा शंकर राय बांगलादेश ओ बंगबंधु, आदिवासीदेर भाषा, मानवाधिकार प्रसंगे रवीन्द्रनाथ, रवीन्द्र भुवने बंगलादेश, एट्रोसिटीज़ ऑन द माइनोरिटीज़ इन बंगलादेश, तसलीमा नसरीन ओ अन्यान्य, आँधी, रथीन्द्रनाथ शांतिनिकेतन ओ पौषमेला, ब्लासफेमी आइन ओ बंगलादेशेर संविधान, कंट्रीब्यूशन ऑफ इंडिया इन द वार ऑफ लेबरेशन ऑफ बंगलादेश, भंगा मठ, जगदीश चंद्र बसु स्मारक ग्रंथ, देश भागेर गल्प, हिंदू संप्रदाय केनो बांगलादेशत्याग कोरछे, बांगलादेशेर आदिवासी अस्तित्वेर संकट, बंगलादेशे मदरसा शिक्षा, कल्पना चकमा, आदि। हिन्दी में अनूदित: बांग्लादेश से क्यों भाग रहे हैं हिंदू, शर्मनाक, देश-विभाजन की कहानियाँ, टूटा मठ, बांगलादेश में अल्पसंख्यकों पर अत्याचार, कल्पना चकमा, नो-मैन्स लैंड, बांग्लादेश के पीड़ित अल्पसंख्यक और युद्ध शिशु। सलाम आजाद विवाहित हैं, पत्नी मिर्जा फहमीदा अजीम सोहेली।
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