Publisher |
LOKBHARTI PRAKASHAN |
Publication Year |
2020 |
ISBN-13 |
9789389742794 |
ISBN-10 |
9789389742794 |
Binding |
Hardcover |
Number of Pages |
176 Pages |
Language |
(Hindi) |
Dimensions (Cms) |
20 x 14 x 4 |
Weight (grms) |
290 |
बहुपठित युवा व्यंगकार के.डी. सिंह की यह किताब दरअसल जीवन की गुजरी राहों से, कुछ यादगार टुकड़े, जो लेखक के तो हैं ही इसमें आप और हम भी होंगे। इन्ही टुकड़ा-टुकड़ा स्मृति को सहेजती हुई ये किताब 'जब जिंदगी मुस्कुरा दी' लेखक के चालीस वर्षों के सिंहावलोकन के कुछ पुंज, कुछ अपने, कुछ अपनों के अनुभव अच्छे-बुरे लोगों के सानिध्य और कच्चे पक्के दुनियावी रास्तों से गुजरते हुए, जीवन के कुछ अनमोल और न भूलने वाले चित्र हैं, जो जीवन की स्मृतियों को सार्वजनिक तौर पर साझा करते हैं। ये संस्मरण हैं, स्मृति चित्र हैं बीती जिंदगी के, पर जिनकी रोशनी आगे के जीवन पथ को भी सदैव आलोकित करती है यह किताब खूब पढ़ी जाएगी, ऐसा मुझे यकीन है। जाने कितना जीवन, पीछे छूट गया अनजाने में अब तो कुछ क़तरे हैं बाक़ी, साँसों के पैमाने में इतना जान लिया तो यारो, कैसी बंदिश उनवाँ की अपना अपना रंग भरेगा, हर कोई अफ़्साने में!
K. D. Singh
जन्म : 21.3.1975 को ग्राम पिपरहरी, जनपद बाँदा में। शिक्षा : प्रारम्भिक शिक्षा बाँदा में, इलाहाबाद विश्वविद्यालय से स्नातक एवं परास्नातक। गतिविधियाँ : 1992 में आकाशवाणी इलाहाबाद से युववाणी कार्यक्रम में कविता-पाठ की एक नियमित श्रृंखला से जुड़े रहे, विभिन्न पत्र-पत्रिकाओं के लिए कविता, व्यंग्य लेख व निबन्धों का प्रकाशन। पुरस्कार : 1991 में महाकवि निराला संस्थान इलाहाबाद द्वारा पुरस्कृत, 1992 में प्रसिद्ध भाषाविद् हरदेव बाहरी द्वारा साहित्यिक संस्था उदीयमान के तत्त्वावधान में युवा रचनाकार उदीयमान सम्मान, वर्ष 2004 में प्रकाशित पुस्तक 'शेष अगले पृष्ठ' पर के लिए उ.प्र. हिन्दी संस्थान द्वारा बालकृष्ण शर्मा नामित पुरस्कार, वर्ष 2012 में प्रकाशित व्यंग्य संग्रह 'हाशिये पर' के लिए उ.प्र. हिन्दी संस्थान द्वारा शरद जोशी सर्जना सम्मान। साहित्य सेवा : अब तक कुल 5 पुस्तकें प्रकाशित—'शेष अगले पृष्ठ पर' (व्यंग्य), 'हाशिये पर' (व्यंग्य-संग्रह), 'लिखना न था कुछ' (कविता एवं गजल-संग्रह), 'होते करते' (व्यंग्य-संग्रह), 'एतद् द्वारा' (व्यंग्य संग्रह)। सम्प्रति : उ.प्र. सरकार के अधीन परिवहन विभाग में राजपत्रित अधिकारी।
K. D. Singh
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