Sunner Pande Ki Patoh (Hindi)

Author:

Amarkant

Publisher:

Rajkamal Parkashan Pvt Ltd

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Publisher

Rajkamal Parkashan Pvt Ltd

Publication Year 2005
ISBN-13

9788126710324

ISBN-10 8126710322
Binding

Paperback

Edition 1st
Number of Pages 112 Pages
Language (Hindi)
Dimensions (Cms) 22.5X14.5X1
Weight (grms) 136

प्रसिद्ध उपन्यासकार अमरकान्त का यह उपन्यास पति द्वारा परिव्यक्त राजलक्ष्मी नाम की उस स्त्री की कहानी है जो न केवल नर-भेड़ियों से भरे समाज में अपनी अस्मत बचा के रखती है, बल्कि कुछ लोगों के लिए प्रेरणा का स्रोत भी है। विवाह होते ही उसका निजत्व तिरोहित हो जाता है और नया नाम मिलता है—सुन्नर पांडे की पतोह। सुन्नर पांडे की पतोह का पति झुल्लन पांडे एक दिन उसे छोड़कर कहीं चला जाता है और फिर लौटकर नहीं आता। अन्तहीन प्रतीक्षा के धुँधलके में जीती राजलक्ष्मी के पास पति की निशानी सिन्दूर बचा रहता है। औरत की इच्छाओं, हौसलों और अधिकारों से वंचित होने पर भी उसे सिन्दूर ही औरत होने का गर्व और गरिमा देता है। वस्तुतः पहले सिन्दूर का मतलब था पति, बाद में पति का मतलब सिन्दूर हो गया। लेकिन एक रात जब उसने अपनी सास-ससुर की बातें सुनीं तो जैसे पाँवों-तले की ज़मीन ही खिसक गई। जब घर में ही स्त्री की अस्मत असुरक्षित हो तो कोई स्त्री क्या करे! वह अन्ततः गाँव-घर, देवी-देवता, चिरई-चुरंग, नदी-पोखर सबको अन्तिम प्रणाम कर अनजानी राह पर चल पड़ी...। निम्नमध्यवर्गीय जीवन की विडम्बनाओं और एक परित्यक्त स्त्री की जिजीविषाओं का बेहद प्रभावशाली और अन्तरंग चित्रण से लबरेज़ यह उपन्यास अपने जीवन्त मानवीय संस्पर्श के कारण एक उदात्त भाव पाठकों के मन में भरता चलता है। लोकजीवन के मुहावरों और देशज शब्दों के प्रयोग से भाषा में माटी का सहज स्पर्श और ऐसी सोंधी गन्ध महसूस होती है जो पाठकों को निजी लोक के उदात्त क्षेत्रों में ले आती है। निश्चय ही यह कृति पाठकों के मन में देर तक और दूर तक रची-बसी रहेगी।

Amarkant

अमरकान्त जन्म: 1 जुलाई, 1925; ग्राम भगमलपुर (नगरा), जिला बलिया, (उ.प्र.)। प्रकाशित कृतियाँ: उपन्यास: सूखा पत्ता, काले-उजले दिन, कँटीली राह के फूल, ग्रामसेविका, सुखजीवी, बीच की दीवार, सुन्नर पांडे की पतोह, आकाश पक्षी, इन्हीं हथियारों से। कहानी संग्रह: जिन्दगी और जोंक, देश के लोग, मौत का नगर, मित्र-मिलन तथा अन्य कहानियाँ, कुहासा, तूफान, कलाप्रेमी, प्रतिनिधि कहानियाँ, दस प्रतिनिधि कहानियाँ, एक धनी व्यक्ति का बयान, सुख और दुःख का साथ, अमरकान्त की सम्पूर्ण कहानियाँ (दो खंडों में)। संस्मरण: कुछ यादें, कुछ बातें। बाल साहित्य: नेऊर भाई, वानर सेना, खूँटा में दाल है, सुग्गी चाची का गाँव, झगरू लाल का फैसला, एक स्त्री का सफर, मँगरी, बाबू का फैसला, दो हिम्मती बच्चे। पुरस्कार व सम्मान: सोवियतलैंड नेहरू पुरस्कार, मैथिलीशरण गुप्त पुरस्कार, उत्तर प्रदेश हिन्दी संस्थान पुरस्कार, यशपाल पुरस्कार, जन-संस्कृति सम्मान, मध्य प्रदेश का ‘अमरकान्त कीर्ति’ सम्मान, इलाहाबाद विश्वविद्यालय के हिन्दी विभाग का सम्मान, ‘इन्हीं हथियारों से’ उपन्यास, साहित्य अकादमी से पुरस्कृत। विशेष: विदेशी भाषाओं, प्रादेशिक भाषाओं, पेंग्विन इंडिया में कहानियाँ प्रकाशित, दूरदर्शन पर कहानियों पर फिल्में प्रदर्शित, रंगमंच पर कहानियों के नाट्य-रूपान्तरों का प्रदर्शन। निधन: 17 फरवरी, 2014.
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