SANJAY KUMAR
Sudhir Chandra
वर्षों से सुधीर चन्द्र आधुनिक भारतीय सामाजिक चेतना के विभिन्न पहलुओं का अध्ययन करते रहे हैं। राजकमल से ही प्रकाशित—हिन्दू, हिन्दुत्व, हिन्दुस्तान (2003), गाँधी के देश में (2010), गाँधी: एक असम्भव सम्भावना (2011), रुक्माबाई: स्त्री, अधिकार और कानून (2012), बुरा वक्त अच्छे लोग (2017), भूपेन खख्खर: एक अन्तरंंग संस्मरण (2020) के बाद हिन्दी में यह उनकी नयी पुस्तक है। अँग्रेज़ी में उनकी पुस्तकें—डिपेंडेंस एण्ड डिसइलूज़नमेंट: नेशनल कांशसनेस इन लेटर नाइन्टींथ सेंचुरी इण्डिया (2011), कांटिन्युइंग डिलेमाज़: अण्डरस्टैंडिंग सोशल कांशसनेस (2002), एंस्लेव्ड डॉटर्स: कॉलोनियलिज़्म, लॉ एण्ड विमेन्स राइट्स (1997) और द ऑप्रेसिव प्रज़ैन्ट: लिटरेचर एण्ड सोशल कांशसनेस इन कॉलोनियल इण्डिया (1992)। सुधीर चन्द्र देश-विदेश के अनेक अकादेमिक संस्थानों से सम्बद्ध रहे हैं।
SANJAY KUMAR
,Sudhir Chandra
Rajkamal Parkashan Pvt Ltd