Aatmadroh (Hindi)

Author:

R. Chetankranti

Publisher:

Rajkamal Parkashan Pvt Ltd

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Publisher

Rajkamal Parkashan Pvt Ltd

Publication Year 2023
ISBN-13

9788119159406

ISBN-10 8119159403
Binding

Paperback

Edition 1st
Number of Pages 136 Pages
Language (Hindi)
Dimensions (Cms) 20X13X1
Weight (grms) 145

‘आत्मद्रोह’आर. चेतनक्रान्ति का आत्मवान संग्रह है, इस अर्थ में कि जो शक्तियाँ नागरिकता और राष्ट्र की आत्मा को नष्ट करना चाहती हैं, वे उनकी गहरी पहचान करते हैं और इस तरह सामूहिक आत्मा के पुनर्वास की युक्तियाँ तलाशते हैं। उन्हें इस बात का पूरा अभिज्ञान है कि समुदायों का नैतिक बल घटा है। वह अफ़वाह, असत्य और घृणा का शिकार हुआ है। वह गहरे अफ़सोस के साथ देखते हैं इस परिघटना को जो उनकी कविता में तंज़ और आत्मावगाहन में बदलती जाती है। सामाजिक और राजनीतिक अधःपतन को वह व्यंग्यार्थ और कई बार गहरे कटाक्ष के साथ कहते हैं। उनकी नागरिक सजगता भाषिक सजगता में संक्रमित होती है जो अन्तत: विरल काव्यात्मक उठान में परिलक्षित होती है। शमशेर बहादुर सिंह की परम्परा में चेतन हिन्दी के उन गिने-चुने विशिष्ट कवियों में हैं जो उर्दू ग़ज़लें और नज़्म, जो इस संग्रह का भी हिस्सा हैं, कहते हुए अविलेय आपसदारी का पुनर्स्मरण कराना नहीं भूलते। इस संग्रह में यदि कवि का स्वर बदला हुआ है, वह अधिक तल्ख़ और तेज़ाबी हुआ है तो इसलिए कि समय बदला है और सामाजिक विषाक्तता बहुत तेज़ी के साथ बढ़ी है। कोमलता और पारस्परिकता के इस संहार के सामने न तो निरुपाय हुआ जा सकता है और न ही तटस्थ। चेतन इस अवस्थिति के लिए विडम्बना और आत्म-धिक्कारवाले स्वर और संरचना को उन्मोचित करते हैं। शोकनाच’ (2004) और ‘वीरता पर विचलित’ (2017) के बाद ‘आत्मद्रोह’ आर. चेतनक्रान्ति का तीसरा कविता-संग्रह है। सांस्कृतिक कूद-फाँद वाले इस अवसरवादी माहौल में चेतन ने आत्म-निर्वासन और सन्त जैसे काव्य-व्यक्तित्व की जो विलक्षणता अर्जित की है, वह हिन्दी की बड़ी उपलब्धियों में एक है। —देवी प्रसाद मिश्र

R. Chetankranti

आर. चेतनक्रान्ति,उत्तर प्रदेश के सहारनपुर ज़िले के गाँव उमरी कलां में जन्म। शुरू की पढ़ाई-लिखाई वहीं (गाँव के प्राथमिक और इंटरमीडिएट विद्यालयों में)। मेरठ वि.वि. से स्नातकोत्तर। कविता-रचना गाँव में रहते हुए बहुत बचपन में ही शुरू कर दी थी। लगभग 1986 के आसपास। छपने को गईं सन् 2000 में। एक संग्रह 'शोकनाच' (2004) प्रकाशित। ‘भारतभूषण अग्रवाल स्मृति पुरस्कार’, ‘स्पन्दन पुरस्कार’ (भोपाल) और ‘राजस्थान पत्रिका’ तथा ‘अमर उजाला’ के वार्षिक पुरस्कार मिले हैं। दिल्ली में आवास। सम्पादन और अनुवाद का शौक़। कुछ किताबें अंग्रेज़ी और उर्दू से अनूदित-प्रकाशित।
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