Meri Jindagi Mein Chekhov (Hindi)

Author:

Rajendra Yadav

,

Lydia Evilov

,

Ranjana Shrivastava

Publisher:

Rajkamal Parkashan Pvt Ltd

Rs169 Rs199 15% OFF

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Publisher

Rajkamal Parkashan Pvt Ltd

Publication Year 2005
ISBN-13

9788126710270

ISBN-10 8126710276
Binding

Paperback

Edition 1st
Number of Pages 151 Pages
Language (Hindi)
Dimensions (Cms) 22X14X1.5
Weight (grms) 167

लीडिया एविलोव चेख़व से चार वर्ष छोटी थीं। उनका जन्म 1864 में मॉस्को में हुआ और पहली बार जब वे चेख़व से मिलीं तो केवल पच्चीस की थीं। चेख़व के साथ अपने सम्बन्ध के ब्यौरे में—जो 1942 में, 78 वर्ष की आयु में उनकी मृत्यु के कई वर्ष बाद ‘चेख़व इन माई लाइफ़’ शीर्षक से छपा—उन्होंने 1889 और 1899 के बीच चेख़व के साथ अपनी केवल आठ मुलाक़ातों का वर्णन किया है, मगर साफ़ मालूम होता है कि वे अक्सर ही मिलते रहे होंगे। संस्मरण में काफ़ी कुछ दिलचस्प सामग्री है मगर उसमें भी ख़ास महत्त्व चेख़व के जीवन की उन घटनाओं का है जो उनके सबसे कल्पना-प्रणव नाटक ‘द सी गल’ की पृष्ठभूमि में थीं। इस नाटक ने उनके कई आलोचकों की बुद्धि की आज़माइश की और नाटक के कई पात्रों के विषय में उनके अनुमान अब सर्वथा निराधार मालूम देते हैं। इस पुस्तक में लीडिया ने अपने और चेख़व के, दस वर्ष तक चले दुखद प्रेम-प्रसंग का वर्णन किया है। यही समय चेख़व के लेखकीय जीवन का सबसे महत्त्वपूर्ण समय भी था। चेख़व के जीवन के अब तक अनजाने इस अध्याय से उनकी कहानियों और नाटकों में उपस्थित उस वेदना और विषाद को समझने में अन्य किसी भी बात से ज़्यादा मदद मिलती है जो ‘चेरी ऑर्चर्ड’ में वायलिन के तार टूटने की मातमी आवाज़ की तरह ही उनकी सृजन-प्रतिभा और लेखनी से निकली हर प्रेमकथा की विशेषता है।

Rajendra Yadav

जन्म: 28 अगस्त, 1929, आगरा। शिक्षा: एम.ए. (हिन्दी), 1951, आगरा विश्वविद्यालय। प्रकाशित पुस्तकें: देवताओं की मूर्तियाँ, खेल-खिलौने, जहाँ लक्ष्मी कैद है, अभिमन्यु की आत्महत्या, छोटे-छोटे ताजमहल, किनारे से किनारे तक, टूटना, ढोल और अपने पार, चौखटे तोड़ते त्रिकोण, वहाँ तक पहुँचने की दौड़, अनदेखे अनजाने पुल, हासिल और अन्य कहानियाँ, श्रेष्ठ कहानियाँ, प्रतिनिधि कहानियाँ (कहानी-संग्रह); सारा आकाश, उखड़े हुए लोग, शह और मात, एक इंच मुस्कान (मन्नू भंडारी के साथ), मंत्र-विद्ध और कुलटा (उपन्यास); आवाज तेरी है (कविता-संग्रह); कहानी: स्वरूप और संवेदना, प्रेमचन्द की विरासत, अठारह उपन्यास, काँटे की बात (बारह खंड), कहानी: अनुभव और अभिव्यक्ति, उपन्यास: स्वरूप और संवेदना (समीक्षा-निबन्ध-विमर्श); वे देवता नहीं हैं, एक दुनिया: समानान्तर, कथा जगत की बागी मुस्लिम औरतें, वक्त है एक ब्रेक का, औरत: उत्तरकथा, पितृसत्ता के नए रूप, पच्चीस बरस: पच्चीस कहानियाँ, मुबारक पहला कदम (सम्पादन); औरों के बहाने (व्यक्ति-चित्र); मुड़-मुडक़े देखता हूँ (आत्मकथा); राजेन्द्र यादव रचनावली (15 खंड)। प्रेमचन्द द्वारा स्थापित कथा-मासिक ‘हंस’ के अगस्त, 1986 से 27 अक्टूबर, 2013 तक सम्पादन। चेखव, तुर्गनेव, कामू आदि लेखकों की कई कालजयी कृतियों का अनुवाद। निधन: 28 अक्टूबर, 2013.

Lydia Evilov

लीडिया एविलोव,जन्म : 15 जून, 1864; इम्पीरियल रशिया।‘रशियन लिटरेरी सोसायटी’ और ‘यूनियन ऑफ़ राइटर्स’ की सदस्य रहीं। ‘द सोवियत चेख़व सोसायटी’ की ऑनरेरी सदस्य भी बनीं।प्रमुख कृतियाँ : ‘लकी मैन एंड अदर स्टोरीज़’, ‘इन्हेरीटर्स’, ‘डसीट’, ‘द पावर एंड अदर स्टोरीज़’, ‘फ़र्स्ट ग्रीफ़ एंड अदर स्टोरीज़’।चेखव पर लिखी उनकी किताब ‘ए.पी. चेखव इन माय लाइफ़’ उनकी यादगार रचना है जो उनकी मृत्यु के बाद प्रकाशित हुई। निधन : 27 सितम्बर, 1943

Ranjana Shrivastava

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