Chalte To Achchha Tha

Author:

Asgar Wazahat

Publisher:

Rajkamal Parkashan Pvt Ltd

Rs135 Rs150 10% OFF

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Publisher

Rajkamal Parkashan Pvt Ltd

Publication Year 2019
ISBN-13

9788126714735

ISBN-10 9788126714735
Binding

Paperback

Number of Pages 144 Pages
Language (Hindi)
Dimensions (Cms) 20 x 14 x 4
Weight (grms) 180
चलते तो अच्छा था ईरान और आजरबाईजान के यात्रा-संस्मरण हैं। br>असग़र वजाहत ने केवल इन देशों की यात्रा ही नहीं की बल्कि उनके समाज, संस्कृति और इतिहास को समझने का भी प्रयास किया है। उन्हें इस यात्रा के दौरान विभिन्न प्रकार के रोचक अनुभव हुए हैं। उन्हें आजरबाईजान में एक प्राचीन हिन्दू अग्नि मिला। कोहेकाफ़ की परियों की तलाश में भी भटके और तबरेज़ में एक ठग द्वारा ठगे भी गए। यात्राओं का आनन्द और स्वयं देखने तथा खोजने का सन्तोष चलते तो अच्छा था में जगह-जगह देखा जा सकता है। br>असग़र वजाहत ने ये यात्राओँ साधारण ढंग से एक साधारण आदमी के रूप में की हैं जिसके परिणाम- स्वरूप वे उन लोगों से मिल पाए हैं, जिनसे अन्यथा मिल पाना कठिन है। भारत, ईरान तथा मध्य एशिया के बीच प्राचीन काल से लेकर मध्य युग तक बड़े प्रगाढ़ सम्बन्ध रहे हैं। इसके चलते आज भी ईरान और मध्य एशिया में भारत की बड़ी मोहक छवि बनी हुई है। लेकिन 19वीं और 20वीं शताब्दी में अपने पड़ोसी देशों के साथ भारत का रिश्ता शिथिल पड़ गया था। आज के परिदृश्य में यह ज़रूरी है कि पड़ोस में उपलब्ध सम्भावनाओं पर ध्यान दिया जाए। चलते तो अच्छा था यात्रा-संस्मरण के बहाने हमें कुछ गहरे सामाजिक और राजनीतिक सवालों पर सोचने के लिए भी मजबूर करता है।.

Asgar Wazahat

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