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Publisher | Rajkamal Parkashan Pvt Ltd |
Publication Year | 2016 |
ISBN-13 | 9788126728992 |
ISBN-10 | 812672899X |
Binding | Paperback |
Number of Pages | 86 Pages |
Language | (Hindi) |
Dimensions (Cms) | 17.5 x 12 x 1 |
Weight (grms) | 245 |
एक मासूम सा "बाहरी" लड़का जिसे दिल्ली ने जितना ही छला, उसे वह उतनी ही शिद्दत से अपनी माशूका मानता है; उसी के देखे जिए प्रेम की लघु कथाओं की श्रंखला . न्यूजरूम में हत्या, बलात्कार, घोटाले, हाशिए के समाज को लगातार धकेली जानेवाली खबरों-और तो और-लव, सेक्स, धोखा पर लॉयल्टी टेस्ट शो की आपाधापी के बीच भी कितना कुछ घट रहा होता है | किसी से क्रश, किसी की याद, कैम्पस में बिताए गए दिनों की नॉस्टेल्जिया, भीतर से हरहराकर आती कितनी सारी ख़बरें, लेकिन टेलीविज़न स्क्रीन के लिए ये सब किसी काम की नहीं | टेलीविज़न के लिए सिर्फ वो ही ख़बरें हैं जो न्यूज़रूम के बाहर से आती हैं, वो और उनकी ख़बरें नहीं जो इन सबसे जूझते हुए स्क्रीन पर अपनी हिस्सेदारी की ख्वाहिशें रखते हैं | 'इश्क कोई न्यूज़ नहीं' उन ख्वाहिशों का वर्चुअल संस्करण है |
Vikram Nayak
,Vineet Kumar
Rajkamal Parkashan Pvt Ltd