Teen Saheliyan Teen Premi (Hb)

Author:

Aakanksha Pare Kashiv

Publisher:

Rajkamal Parkashan Pvt Ltd

Rs215 Rs250 14% OFF

Availability: Available

    

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Publisher

Rajkamal Parkashan Pvt Ltd

Publication Year 2019
ISBN-13

9789388933186

ISBN-10 9789388933186
Binding

Hardcover

Number of Pages 108 Pages
Language (Hindi)
Dimensions (Cms) 20 x 14 x 4
Weight (grms) 270
हो सकता है कि इधर कहानी कि परिभाषा बदल गई हो, लेकिन मेरे हिसाब से एक अच्छी कहानी कि अनिवार्य शर्त उसकी पठनीयता होनी चाहिए ! आतंक जगानेवाली शुरुआत कहानी में न हो, वह अपनत्व से बाँधती हो तो मुझे अच्छी लगती है ! आकांक्षा की कहानी 'तीन सहेलियाँ तीन प्रेमी' पढना शुरू किया तो मैं पढ़ती चली गई ! यह कहानी दिलचस्प संवादों में चली है ! उबाऊ वर्णन कहीं है ही नहीं ! सम्प्रेषणीयता कहानी के लिए जरूरी दूसरी शर्त है ! लेखक जो कहना चाह रहा है, वह पाठक तक पहुँच रहा है ! इस कहानी के पाठक को बात समझाने के लिए जददोजहद नहीं करनी पड़ती ! संवादों में बात हम तक पहुचती है ! स्पष्ट हो जाता है कि कहानी कहती क्या है ! लेखक क्या कहना चाहता है ! एक चीज यह भी कि रचनाकार ने कोई महत्तपूर्ण मुददा उठाया है, वह है व्यक्ति या समाज का ! आखिर वह मुददा क्या है ! सहज ढंग से, तीन अविवाहित लड़कियों कि कहानी है यह जो तीन ह पुरुषों से प्रेम करती हैं ! वहाँ हमें मिलना कुछ नहीं है, यह जानते हुए भी वे उस रास्ते पर जाती हैं ! अच्छी बात यह है कि आकांक्षा ने न पुरुषों को बहुत धिक्कारा है, न आँसू बहाए हैं ! कहानी सहज-सरल ढंग से चलती है ! लड़कियाँ अपनी सीमाएँ जानते हुए भी सेलिब्रेट करती हैं और अन्त में अविवाहित जीवन कि त्रासदी होते हुए भी (त्रासदी में कह रही हूँ, कहानी में नहीं है), कहीं यह भाव नहीं है, यह जीवन का यथार्थ है ! जो नहीं मिला है, उसे भी सेलिब्रेट करो ! आकांक्षा से पहली बार मिलने पर मुझे लगा कि यह लड़की सहज है ! फिर एक शहर का होने के नाते निकटता और बढ़ी !.

Aakanksha Pare Kashiv

जन्म: 18 दिसम्बर 1976 शिक्षा: जीवविज्ञान में देवी अहिल्या विश्व विद्यालय, इंदौर से स्नातक । वहीँ से पत्रकारिता में डिप्लोमा । उत्तराखंड संस्कृत विश्वविद्यालय से पत्रकारिता में स्नातकोत्तर । पहली ही कहानी तीन सहेलियाँ तीन प्रेमी के लिए प्रतिष्ठित रमाकांत पुरस्कार । दस साल से पत्रकारिता में सक्रिय । अनेक पत्र-पत्रिकाओं में कहानी और कविताएँ प्रकाशित । राष्ट्रीय नाट्य विद्यालय के कार्यक्रम श्रुति में एकल पाठ और पलाश के फूल का मंचन । एक टुकड़ा आसमान शीर्षक से कविताओं की पुस्तिका प्रकाशित । कुछ कहानियाँ उर्दू, अंग्रेजी और कन्नड़ में अनूदित । सम्मान: इंदौरम, मध्यप्रदेश में इंदौर प्रेस क्लब एवं प्रभाष जोशी न्यास द्वारा पत्रकारिता सम्मान । इला-त्रिवेणी सम्मान 2011 संडे इंडियन के साहित्यिक अंक में एक सौ ग्यारह लेखिकाओं में स्थान । जर्मनी के ट्यूबिंगन विश्वविद्यालय के कर्मेंदु शिशिर शोधागार द्वारा निर्मित सहित्यिक विडियो पत्रिका साझा में कविताएँ शामिल । सम्प्रति: आउटलुक हिंदी में फीचर संपादक ।
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