Publisher |
Prabhat Prakashan |
Publication Year |
2021 |
ISBN-13 |
9789390900398 |
ISBN-10 |
9789390900398 |
Binding |
Paperback |
Number of Pages |
208 Pages |
Language |
(Hindi) |
हिंसा का पुराना इतिहास रहा है। सभ्यता के साथ ही हिंसा या प्रभुत्व स्थापना हेतु स्वयं को श्रेष्ठ सिद्ध करना और सामनेवाले का दमन करना पुराने समय से होता आया है। हिंसा का सहारा लेकर ही मनुष्य अपने अस्तित्व को सुरक्षित रखता आया है और अन्य जीवों पर प्रभुत्व जमाता आया है, लेकिन जब जाति, धर्म, पंत, संप्रदाय या मजहब के नाम पर हिंसा होती है तो मानवता शर्मसार हो उठती है। ऐसा अनेक बार हुआ है कि इन सबके नाम पर मनुष्य ने मनुष्य को ही मौत के घाट उतारा है। आजादी के समय एक ओर तो हर्ष था कि वर्षों की गुलामी खत्म हुई और अंततः ब्रिटिश राज समाप्त हुआ, अब अपने देश में हमारा अपना राज होगा, लेकिन यह आजादी बँटवारे का दर्द साथ लेकर आई। उस समय मानवता ने हिंसा का वो चरम देखा, जिसे आज भी सुनकर या पढ़कर आत्मा काँप उठती है। हमें आजादी मिली जरूर, लेकिन उसकी बहुत बड़ी कीमत भी चुकानी पड़ी। सीमा रेखा के दोनों पार मानवता की इतनी लाशें गिरीं कि गिनना भी नामुमकिन था। हिंदू-मुसलिम के नाम पर न जाने कितने अत्याचार हुए, औरतों का जीवन नरक से भी बदतर बना दिया गया, बच्चे यतीम हो गए। कुछ ही जिंदा सरहद पार कर रहे थे, उससे ज्यादा तो मुर्दे यहाँ से वहाँ बँटवारे की भेंटस्वरूप भेजे जा रहे थे। दोनों पार लाशों से भरी ट्रेनें, ट्रक के ट्रक मुर्दों से भरे हुए, नदी में तैरती खोपड़ियाँ...कितना बीभत्स था यह विभाजन।
Dr. Rashmi
Dr. Rashmi Birth: 18 January, 1974 Kanpur (UP) Education: Ph.D. (Study of Classical Languages of Kabir Poetry in Hindi). Published over 10 books in Hindi which includes Biographies, Novel and Self-help. Her auto bio-graphical novels on Dr. Kalam and Atal Bihari Vajpayee are very popular. This is her first book in English. Creativity: Writing and Teaching. Published articles, poems and stories in different newspapers, magazines. Regular columns in Navbharat Times and Aaj Samaj, book review for Tribune. Presentations on Doordarshan and other channels and All India Radio. Poetry recitation on various stages.
Dr. Rashmi
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