Publisher |
V & S Publishers |
Publication Year |
2018 |
ISBN-13 |
9789381448472 |
ISBN-10 |
9789381448472 |
Binding |
Paperback |
Edition |
FIRST |
Number of Pages |
197 Pages |
Language |
(Hindi) |
Dimensions (Cms) |
21x14x0.5 |
Weight (grms) |
214 |
मिलावट, कुपोषण, दूषित वातावरण, फास्टफूड, अनाप-शनाप सॉफ्ट, ड्रिंक, बदहवासी, आपाधापी और उत्तेजक भौतिकवादी जीवन शैली ने आज सुचमुच आदमी की जीवनी शक्ति मे कमी ला दी है जिससे उसकी रोग प्रतिरोधक क्षमता घट गई है। इसी कारण लगभग शत-प्रतिशत लोग किसी-न-किसी शारीरक या मानसिक बीमारी से ग्रस्त रहते है। यदि हम स्वास्थ सम्बन्धी कुछ मूलभूत जानकारियों से परिचित हो,तो उन रोगो से निश्चित ही बचा जा सकता है। इस पुस्तक का उद्देश्य उन मुद्दों को सुलझाना है, जिनसे बीमारी बढ़ सकती है, साथ ही इसमें बीमारियों का आसान व कारगर इलाज भी दिया गया है। रोग पहचाने, उपचार जाने वास्तव मे स्वास्थ एवं चिकित्सा सम्बंधित इसी जागरूकता की संवाहक पुस्तक है। यह रोगो को आसानी से पहचानने में आपकी मदद करती है और लकणो को समझती भी है। यह बताती है, कि रोजमर्रा की दिनचर्या में क्या-क्या सावधानिया बरती जाएँ। रोगो के कारण, बचने के उपाय, ध्यान रखने योग्य बाते, अतिरिक्त लाभ सभी कुछ अच्छी तरह समाहित किया गया है। इसके साथ ही जीवन शैली को कैसे बदला जाए, परहेज में क्या-क्या करे और स्वयं की देखभाल कैसे करे ? इन सबके बारे में भी इसमें वैज्ञानिक जानकारियाँ दी गई है।
Sudarshan Bhatia
सुदर्शन भाटिया की 50 से अधिक पुस्तके प्रकाशित हो चुकी है। पत्र-पत्रिकाओ में भी लगभग 1500 रचनाओं ने स्थान पा लिया है। पेशे से विघुत इंजिनीयर रहे, फिर 1998 में रिटायर हो गए। मूल रूप से कथाकार है। परन्तु इन्होने प्रत्येक विद्या में लिखा है। 1940 में जन्मे भाटिया जी को अनेक बार सामाजिक तथा सांस्कृतिक संस्थाओ द्वारा सम्मानित किया गया है। वह छात्र जीवन से ही पत्रिकारिता से जुड़ गए थे और संपादन कार्य भी किया। आज भी वह कई समाजसेवी संस्थाओ के साथ सक्रिय रूप में जुड़े हुए है।
Sudarshan Bhatia
V & S Publishers