बच्चों को बिगड़ने से कैसे रोके

Author:

Chunni Lal Saluja

Publisher:

V & S Publishers

Rs225 Rs250 10% OFF

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Publisher

V & S Publishers

Publication Year 2020
ISBN-13

9789381448748

ISBN-10 9381448744
Binding

Paperback

Edition FIRST
Number of Pages 151 Pages
Language (Hindi)
Dimensions (Cms) 21x14x0.5
Weight (grms) 192

आज पश्चिम की स्वच्छंद और भोगवादी संस्कृति के कारण हमारा परिवेश ही बदल गया है आनंद मनाने, योजनाओ मे जीने और चकाचौंध-भरी दुनिया मे सुध-बुध बिसार देने की होड़ मची है ऐसी जीवन शैली से सर्वप्रथम बच्चे ही प्रभावित होते हैक्योंकि सीखने-समझने,परिक्कव बनने की कच्ची उम्र मे ही उन्हें परीलोक जैसा काल्पनिक संसार आकर्षित कर रहा होता है यह संक्रमण काल भयावह है जिससे बचना अवश्यभावी है बेजा लाड़-प्यार, चोरी-चुगली, जिद्दीपन, ईर्ष्या, आलस, पढ़ाई से ऊब, काम से जी चुराना, तोड़-फोड़, मार-पीट, आवारागर्दी, छिछला मनोरंजन, बेहूदा फैशन, यौनाक , डेटिंग-सेटिंग, खतरनाक नसों का आकर्षण, अनुशासनहीनता, अपराधी और हिंसक प्रवर्तित, लचयेहीनता, पलायन, कुंठाये, पैसे का घमंड, गलत संगतिया, शार्ट कट की संस्कृति जैसे विकार बच्चो के बचपन और उनके भविष्य को बर्बाद कर उनके संरशको को अभिशपथ जीवन जीने के लिए बाध्ये कर देते है लेकिन चिंता करने और घबराने की आवसयकता नहीं है केवल आप सदैव जागरूक बने रहे और बच्चों को सही रास्ता दिखाए, उनके बचपन को संवारे और सुखद भविष्य का निर्माण करे यह पुस्तक आपकी पूरी-पूरी सहायता करेंगी इसमें बच्चों के बिगड़ने के कारण और लकण तो दिए ही गए है,साथ ही उन्हें बिगड़ने से रोकने के ठोस एवं व्यावहारिक उपाय भी सुझाए गए है

Chunni Lal Saluja

शिक्षा शास्त्री तथा समाज एवं मनोविज्ञान विषयों मे पारंगत लेखक चुन्नीलाल सलूजा की ३३ वर्षो मे लगभग १६०० रचनाएं छप चुकी है रास्ट्रपति पदक तथा अन्य अनेक पुरस्कारों द्वारा सम्मानित लेखक पत्नी शीला जी के साथ तथा अलग से अभी तक इनकी आधा दर्जन से अधिक पुस्तके प्रकाशित हो चुकी है
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