Publisher |
V & S Publishers |
Publication Year |
2016 |
ISBN-13 |
9789381448809 |
ISBN-10 |
9789381448809 |
Binding |
Paperback |
Edition |
FIRST |
Number of Pages |
205 Pages |
Language |
(Hindi) |
Dimensions (Cms) |
21x14x1 |
Weight (grms) |
224 |
नृत्य मनुष्य के आनन्दित क्षणों के उल्लास-प्रदर्शन हैं, तो गीत और वादन उसके सहयोगी। गीत और वादन को संगीत कहा जाता है। नृत्य और संगीत मानव जीवन में प्राणरस घोलने के उपादान हैं। भारत में नृत्य और संगीत की परम्परा प्राचीनकाल से ही अत्यन्त गौरवशाली रही है। यहाँ के संगीतज्ञों ने मनुष्य को ही नहीं अपितु जड़ (वृक्ष आदि) और जंगम (पशु-पक्षी-कीट आदि) को भी प्रभावित किया है। इसी परम्परा में उन्नीसवीं सदी के शास्त्रीय व लौकिक नर्तक और संगीतकार भी हैं, जिन्होंने अपनी नृत्य व संगीत कला से मनुष्य और जड़-जंगम में भी प्राणरस और भावों का संचार किया है। प्रस्तुत पुस्तक में ऐसे ही चुने हुए प्रसिद्ध शास्त्रीय नर्तकों और संगीतकारों में 21 नर्तकों, 26 गायकों व 25 वादकों की विशेषताओं व उपलब्धियों का वर्णन बडे़ ही रोचक तथा ज्ञानवर्द्धक रूप में किया गया है।
NARAYAN BHAKTH
4 जनवरी, 1934 को जन्मे श्री नारायण भक्त जी का जीवन के प्रारंभ से ही पत्रकारिता, बाल साहित्य पर लेखन एवं पढ़ने-लिखने की और झुकाव रहा है। आपकी प्रथम रचना सन १९५१ ई. मे पटना सिटी हाई स्कूल की पत्रिका मे छिपी। देश की प्राय:सभी पत्र-पत्रिकाओं मे आपकी रचनाओ का प्रकाशन होता रहा है। कई बाल कहानियाँ, महापुरुषों की जीवनिया, बालसखा पत्रिका मे धारवारिक रूप मे छिपी। देश के प्रमुख तीर्थस्थलों एवं पर्यटनस्थलों पर आपकी विशिष्ट रचनाएं प्रकाशित हुई है। संगीत विसयेक रचनाएं तथा इंटरव्यू, लेख आदि भी प्रकाशित होते रहे है।
NARAYAN BHAKTH
V & S Publishers