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Publisher | V & S Publishers |
Publication Year | 2018 |
ISBN-13 | 9789381448557 |
ISBN-10 | 9381448558 |
Binding | Paperback |
Number of Pages | 123 Pages |
Language | (Hindi) |
Dimensions (Cms) | 21x14x0.5 |
Weight (grms) | 174 |
बैजू बावरा का नाम आज कौन नहीं जानता। वह विधवा माँ के आंचल मे ही पले-बढ़े। देवयोग से माँ-पुत्र को एक महान गुरु के दर्शन हो गए । वृंदावन के वन में संगीताचार्य स्वामी हरिदास जी का आश्रम था। उनकी दिव्य दृष्टि मे बैजू की प्रतिभा समा गई और उनके विज्ञादान से एक दिन वह इतने बड़े गायक बने कि पारखी उन्हें संगीत सम्राट तानसेन की प्रतिद्वंद्वी मानने लगे ।
Chunni Lal Saluja
V & S Publishers