Publisher |
V & S Publishers |
Publication Year |
2016 |
ISBN-13 |
9789381448519 |
ISBN-10 |
9789381448519 |
Binding |
Paperback |
Edition |
First |
Number of Pages |
156 Pages |
Language |
(Hindi) |
Dimensions (Cms) |
21.5x14x0.9 |
Weight (grms) |
200 |
यह पुस्तक एक हृदय रोगी के व्यक्तिगत अनुभव का परिणाम है, जिसने अथक प्रयास के बाद अंततः बीमारी पर काबू पा लिया। उन्होंने अध्ययन किया कि दिल का दौरा क्यों होता है और कैसे स्थितियों से बचा जा सकता है। यह भी समझने की कोशिश की जब्ती के मामले में क्या सावधानियां बरतनी चाहिए, ताकि भविष्य में एक और हमला न हो। इसके लिए, लेखक ने हृदय रोग के क्षेत्र में चल रहे शोध और अनुसंधान का विस्तार से अध्ययन किया। कई केस हिस्टरी पढ़े। कई हृदय रोगियों के साथ चर्चा की और यह भी सीखा कि कैसे फिट रहकर जीवन शैली में सुधार किया जाए। देश के प्रख्यात हृदय रोग विशेषज्ञ डॉ. आरके मधोक के दिशा-निर्देशों के आधार पर, उन्होंने ऐसी सामग्री प्रदान की, जिसे अपनाने पर, हृदय रोग में विस्तार नहीं होता है और दौरे पड़ने की संभावना कम हो जाती है। हृदय रोग वास्तव में घातक है। इसका इलाज बहुत महंगा और आम आदमी की पहुंच से बाहर माना जाता है। ऐसी स्थिति में, यह पुस्तक निश्चित रूप से दिल की बीमारी से बचने और दिल का दौरा पड़ने के बाद स्वस्थ जीवन जीने के लिए उपयोगी होगी।
Dhramveer
V & S Publishers