Publisher |
Hind Pocket Books Pvt Ltd |
Publication Year |
2004 |
ISBN-13 |
9788121610018 |
ISBN-10 |
9788121610018 |
Binding |
Paperback |
Number of Pages |
120 Pages |
Language |
(English) |
Weight (grms) |
118 |
जब अंधेरा होता है में बाॅण्ड एक सिद्ध कथाकार की अपनी तमाम ख़ू़बियों के साथ मौजूद हैं। सहज और अनायास प्रतीत होने वाली शैली, साधारण जीवन में असाधारण को पकड़ने की निगाह और अपने पात्रों-चरित्रों के साथ लगाव के वह अनूठे शिल्पी हैं। यहां हमारा परिचय होता है मारखम से, जो एक त्रासद दुर्घटना के परिणामस्वरूप आजीवन अकेलापन झेल रहा है, सात पतियों वाली सुसाना से, जिसने अपने हर पति से मौत जैसा प्यार किया और उस उदास पत्नी से, जो मृत्यु के बाद अपने पति को देखने आती है और पाती है कि अब उसने एक दूसरी तरह की जि़न्दगी शुरू कर दी है और किसी दूसरी से प्यार करने लगा है। इस संकलन की कहानियों में हम एक सीधे-सादे बन्दे से भी मिलते हैं, जो अपनी सामान्य बुद्धि से एक चालाक भूत को छका देता है, कुन्दनलाल से भी, जिसको देखकर औरतें अपने ऊपर क़ाबू नहीं रख पातीं। इसके अलावा रस्किन हमें अपने पुराने दिनों के एक सफ़र पर भी ले जाता है, 1940-50 के देहरादून में जब जि़न्दगी इतनी पेचीदा नहीं थी और दुनिया में युवाओं तथा सनकियों की छोटी-मोटी ग़लतियों के लिए जगह थी। इस संकलन की कहानियों में हमें हास्य भी मिलेगा, उदासी भी और बीते दिनों की यादें भी। यह है रस्किन बाॅण्ड को चाहने वाले पाठकों के लिए एक विशेष भेंट।
Ruskin Bond
Ruskin Bond\'s first novel, The Room on the Roof, written when he was seventeen, won the John Llewellyn Rhys Memorial Prize in 1957. Since then he has written several novels (including Vagrants in the Valley, A Flight of Pigeons and Delhi Is Not Far), essays, poems and children\'s books, many of which have been published by Penguin India.
He has also written over 500 short stories and articles that have appeared in a number of magazines and anthologies.
He received the Sahitya Akademi Award in 1993 and the Padma Shri in 1999.
Ruskin Bond
Hind Pocket Books Pvt Ltd