Publisher |
V & S Publishers |
Publication Year |
2018 |
ISBN-13 |
9789381448670 |
ISBN-10 |
9789381448670 |
Binding |
Paperback |
Edition |
First |
Number of Pages |
136 Pages |
Language |
(Hindi) |
Dimensions (Cms) |
21.4 X 13.5 X 0.7 |
Weight (grms) |
174 |
अब युग बदल गया है। तदनुसार, किसी व्यक्ति की सोच, समझ, जीवन स्तर, आचरण और पारस्परिक संबंधों की गरिमा और मिठास भी बदल गई है। अब सब कुछ अधिक व्यावहारिक हो गया है। व्यक्ति की जागरूकता और आकांक्षाएं पहले से ही बढ़ गई हैं। उसी तरह, आज के जीवन की आपाधापी, प्रतिस्पर्धा, तनाव, हताशा और लापरवाही जिसने एक व्यक्ति को परेशानी में डाल दिया है, यह पुस्तक सार्थक बनने के व्यावहारिक तरीके सुझाती है और इस तरह उसके लिए एक खुशहाल जीवन जीने का मार्ग प्रशस्त करती है।
Chunni Lal Saluja
शिक्षा शास्त्री तथा समाज एवं मनोविज्ञान विषयों मे पारंगत लेखक चुन्नीलाल सलूजा की ३३ वर्षो मे लगभग १६०० रचनाएं छप चुकी है रास्ट्रपति पदक तथा अन्य अनेक पुरस्कारों द्वारा सम्मानित लेखक पत्नी शीला जी के साथ तथा अलग से अभी तक इनकी आधा दर्जन से अधिक पुस्तके प्रकाशित हो चुकी है
Chunni Lal Saluja
V & S Publishers