Mera Lahooluhan Punjab

Author:

Khushwant Singh

,

Usha Mahajan

Publisher:

Rajkamal Parkashan Pvt Ltd

Rs176 Rs195 10% OFF

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Publisher

Rajkamal Parkashan Pvt Ltd

Publication Year 2007
ISBN-13

9788126714568

ISBN-10 9788126714568
Binding

Paperback

Number of Pages 168 Pages
Language (Hindi)
Dimensions (Cms) 21.5 x 14 x 1.5
Weight (grms) 131
बैसाख की पहली तिथि पंजाबी पंचांग के अनुसार नववर्ष दिवस के रूप में मनाई जाती है। इसी दिन 13 अप्रैल, 1978 को जरनैल सिंह भिंडरावाले ने धूम-धड़ाके से पंजाब के रंगमंच पर पदार्पण किया। इस घटना से न केवल पंजाब के जन-जीवन में तूफान आया बल्कि पूरे देश के लिए इसके दूरगामी परिणाम हुए। पूरा पंजाब अशांत और आतंकवाद के हाथों क्षत-विक्षत हो गया और धीरे-धीरे यह समस्या इतनी पेचीदा बन गई कि देश की अंता के लिए यह सचमुच का खतरा बनती दिखाई दी। सुप्रसिद्ध रूप से इस समस्या का इतिहास दर्शाती है, स्वतन्त्रता-प्राप्ति के बाद पंजाबियों के गिले-शिकवों और असंतोष का विवरण देती है, और सभी प्रमुख घटनाओं पर रोशनी डालती है। लेखक का व्यक्तिगत जुड़ाव पुस्तक को विशेष प्रमाणिकता प्रदान करता है, जो लगभग इसके प्रत्येक पृष्ठ पर प्रकट है। इसमें लेखक ने एक तरफ पंजाब की राजनीति तथा दूसरी ओर केंद्र सरकार द्वारा जान-बूझकर खेले जानेवाले शरारतपूर्ण राजनीतिक खेलों पर अपने विचार प्रकट किए हैं। इसका परिणाम यह हुआ कि भारत के सबसे उन्नतिशील राज्य की प्रगति के मार्ग में गत्यवरोध आ गया, यहाँ की कृषि और औद्योगिक अर्थव्यवस्था तहस-नहस होने लगी, इसका प्रशासन और न्यायपालिका पंगु बनकर रह गए। जो लोग इस गत्यवरोध को अधिक गहराई से समझना चाहते हैं उनके लिए यह पुस्तक अवश्य पठनीय है।.

Khushwant Singh

Khushwant Singh is Indias best known writer and columnist. He has been founder editor of Yojana and editor of the Illustrated Weekly of India, the National Herald and the Hindustan Times. He is the author of classics such as Train to Pakistan, I Shall Not Hear the Nightingale and Delhi. His latest novel, The Sunset Club, written when he was 95, was published by Penguin Books in 2010. His nonfiction includes the classic two volume A History of the Sikhs, a number of translations and works on Sikh religion and culture, Delhi, nature, current affairs and Urdu poetry. His autobiography, Truth, Love and a Little Malice, was published by Penguin Books in 2002.

Usha Mahajan

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