Publisher |
Prabhat Prakashan |
Publication Year |
2022 |
ISBN-13 |
9789355211934 |
ISBN-10 |
9789355211934 |
Binding |
Paperback |
Number of Pages |
128 Pages |
Language |
(Hindi) |
पिंजरा : द केज' ऐसी नौ कहानियों का संग्रह है, जो बाल ग्रहों के निरीक्षणों के दौरान सरकार की एजेंसियों के निष्कर्षों पर आधारित है। देश के राजनीतिक रसूखदार परिवार से संबंधित चिल्ड्रन होम ने विदेशी फंडिग के चक्कर में एक बच्ची को कभी किसी परिवार में अडॉप्शन नहीं होने दिया। देश में काम कर रहे कुछ चिल्ड्रन होम में बच्चों की स्थितियाँ वाकई बहुत ही खराब हैं। वहाँ न तो बच्चों को ठीक से खाना मिलता है, न ही उनके रहने की सुविधाएँ ठीक हैं। कुछ चिल्ड्रन होम बच्चों के धर्मातरण के लिए चिल्ड्रन होम चला रहे हैं। कुछ चिल्ड्रन होम में तो बच्चों के साथ बलात्कार तक समय-समय पर होते रहे हैं। एक कहानी ऐसी भी है, जब एक जमीन के टुकड़े के लिए शहरभर के भू-माफिया उस चिल्ड्रन होम को उजाड़ने की कोशिशों में लगे रहे। अपनी राजनैतिक पहुँच की वजह से इन पर लंबे समय तक एक्शन नहीं लिया गया। बाद में जब एक-एक कर देश के सभी चिल्ड्रन होम का सोशल ऑडिट हुआ तो ये सारी बातें सामने आईं। इनमें से कुछ मामलों में पुलिस ने एफ.आई.आर. तक दर्ज की और कुछ में मामला कोर्ट तक पहुँचा। इन कहानियों को लिखने में काफी रिसर्च की गई है, ताकि सच्चाई लोगों के बीच पहुँच सके और इन चिल्ड्रन होम में रह रहे बच्चों की दशा सुधर सके, जिससे वे एक उज्ज्वल भविष्य पा सकें।
Priyank Kanoongo
प्रियंक कानूनगो - जन्म एवं प्रारंभिक शिक्षा मध्य प्रदेश के विदिशा जिले से हुई। डॉक्टर एवं वकील के परिवार से आनेवाले प्रियंक हमेशा समाज की समस्याओं और वास्तविकताओं से जुड़े रहे। लोगों की समस्याओं को मजबूती से सरकार के समक्ष उठाने और उन्हें न्याय दिलवाने के कारण निरंतर लोकप्रिय भी होते गए। 2015 में उनकी प्रतिभा को पहचानते हुए, उन्हें राष्ट्रीय बाल संरक्षण आयोग ' का सदस्य बनाया। दिल्ली आकर उन्होंने अपनी मेहनत और लगन से बाल सुरक्षा एवं बाल अधिकारों के लिए खूब काम किया। 2018 में उन्हें आयोग का अध्यक्ष नियुक्त किया। अगले तीन वर्ष उन्होंने अनाथालयों, बालगृहों, Street Children, बाल तस्करी इत्यादि विषयों में बहुत से सुधार एवं आमूलचूल परिवर्तन किए। तकनीकी के जरिए कई समस्याओं के स्थायी समाधान ढूँढ़े और लागू किए। 2021 में एक बार पुनः उन्हें आयोग का अध्यक्ष नियुक्त किया गया। बेबाकी, ईमानदारी और निडरता की अपनी विशिष्ट शैली के कारण इन दिनों वह भारत विरोधी ताकतों के निशाने पर हैं, परंतु देशहित में सोचनेवालों के बीच वह अत्यंत लोकप्रिय हैं ।
Priyank Kanoongo
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