Publisher |
Saraswati Trust |
Publication Year |
2011 |
ISBN-13 |
9788121616263 |
ISBN-10 |
8121616263 |
Binding |
Paperback |
Number of Pages |
64 Pages |
Language |
(Hindi) |
Weight (grms) |
176 |
भीष्म की माता का नाम गंगा था, इसलिए इन्हें गंगेय के नाम से भी जाना जाता है। एक बार भीष्म के पिता शान्तनु ने एक मछेरे की पुत्री सत्यवती से विवाह करना चाहा, परंतु सत्यवती के पिता दासराज ने राजा शान्तनु से कहा कि यदि आप सत्यवती से विवाह करना चाहते हैं, तो आपके बाद हस्तिापुर का राजा सत्यवती से होने वाला पुत्र होगा, न कि आपका बड़ा पुत्र भीष्म। यह सुनकर भीष्म ने आजन्म ब्रह्मचर्य की कठोर प्रतिज्ञा ली। पढि़ए, भीष्म प्रतिज्ञा की रोचक कहानी और भीष्म पितामह जैसा महान बनिए।ये कहानियाँ आसान भाषा में एवं रोचक ढंग से लिखी गई हैं, जिनसे इन्हें याद करने में भी आसानी होगी। साथ में देखिए, सुंदर चित्र औरअंत में एक प्रश्नोत्तरी, जिसे हल करके अपनी परीक्षा आप ख़ुद ले सकेंगे।
Ramkumar Bhramar
Saraswati Trust