Sasudevsharan Agarwal Motichandra
डॉ. मोतीचन्द्र (1901-1974) भारतीय संस्कृति, कला, इतिहास, भाषा, साहित्य के प्रमुख विद्वान। वाराणसी में जन्मे और पद्मभूषण से सम्मानित डॉ. मोतीचन्द्र ने बनारस हिन्दू विश्वविद्यालय और लन्दन विश्वविद्यालय से शिक्षा प्राप्त की। आप तीन दशकतकप्रिंस वेल्स संग्रहालय, बम्बई के अध्यक्ष भी रहे। प्रमुख प्रकाशित कृतियाँ: पश्चिम भारत के जैन लघु-चित्र, महाभारत का आर्थिकऔर भौगोलिक अध्ययन, काशी का इतिहास, प्राचीन भारतीय चित्रकला का अध्ययन, सार्थवाह। वासुदेवशरण अग्रवाल (1904-1966) शिक्षा: 1929 में लखनऊ विश्वविद्यालय से एम.ए., 1946 में पीएच.डी. तथा डी.लिट्. की उपाधियाँ प्राप्त कीं। भारतीय साहित्य और संस्कृति के गम्भीर अध्येता के रूप में देश के विद्वानों में अग्रणी डॉ. अग्रवाल 1940 तक मथुरा के पुरातत्व संग्रहालय के अध्यक्ष पद पर रहे। 1946 से लेकर 1954 तक सेण्ट्रल एशियन एक्टिविटीज म्यूजि़यम के सुपरिंटेंडेंट और भारतीय पुरातत्व विभाग के अध्यक्ष पद पर कार्य। 1951 में काशी हिन्दू विश्वविद्यालय के कॉलेज ऑफ इंडोलॉजी में प्रोफेसर नियुक्त हुए। 1952 में लखनऊ विश्वविद्यालय में राधाकुमुद मुखर्जी व्याख्यान-निधि की ओर से व्याख्याता नियुक्त हुए। प्रमुख प्रकाशित कृतियाँ: पृथ्वी-पुत्र, उरुज्योति, कला और संस्कृति, कल्पवृक्ष, माता भूमि, हर्षचरित-एक सांस्कृतिक अध्ययन, भारत की मौलिक एकता, मलिक मुहम्मद जायसी: पद्मावत, पाणिनिकालीन भारतवर्ष, भारतसावित्री, कादम्बरी। राधाकुमुद मुखर्जीकृत हिन्दू सभ्यता का अनुवाद।
Sasudevsharan Agarwal Motichandra
Rajkamal Parkashan Pvt Ltd