Aadhunik Itihas Mein Vigyan (Hb)

Author:

Om Prakash Prasad

Publisher:

Rajkamal Parkashan Pvt Ltd

Rs570 Rs695 18% OFF

Availability: Available

Shipping-Time: Usually Ships 1-3 Days

    

Rating and Reviews

0.0 / 5

5
0%
0

4
0%
0

3
0%
0

2
0%
0

1
0%
0
Publisher

Rajkamal Parkashan Pvt Ltd

Publication Year 2018
ISBN-13

9789388183178

ISBN-10 9789388183178
Binding

Hardcover

Number of Pages 264 Pages
Language (Hindi)
Dimensions (Cms) 20 x 14 x 4
Weight (grms) 430
भारत में आधुनिक विज्ञान का नक्शा बनाने में हिन्दुओं से ज़्यादा मुसलमानों और मुसलमानों से ज़्यादा भूमिका अंग्रेज़ों की रही। आज़ादी के पूर्व से ही भारत जात-पाँत और ऊँच-नीच के दलदल में फँसा हुआ है। आधुनिक भारतीय इतिहास पर भारत में जितनी पुस्तकें लिखी गईं, उनमें से अधिकांश के लेखक हिन्दू रहे। उनके द्वारा अधिकांश पुस्तकें भारत के प्रमुख नेताओं के पक्ष में, अंग्रेज़ों के विरोध में, मुसलमानों के योगदान और वैज्ञानिक गतिविधियों को नज़रअन्दाज़ करते हुए लिखी गईं।

Om Prakash Prasad

डॉ. ओम् प्रकाश प्रसाद 1980 ई. से स्नातकोत्तर इतिहास विभाग, पटना विश्वविद्यालय (बिहार) में प्राध्यापक (ऐसोशिएट प्रो$फेसर) के रूप में कार्यरत हैं। प्रोसीडिंग्स ऑ$फ इंडियन हिस्ट्री कांग्रेस में इनके $करीब 10 शोध लेख प्रकाशित हैं। इसके गोल्डन जुबली वॉल्यूम (सम्पादक : वी.डी. चट्टोपाध्याय) में इनका चयनित शोध लेख प्रकाशित है। दिल्ली विश्वविद्यालय हिन्दी कार्यान्वयन निदेशालय (दिल्ली), खुदाबख्श पब्लिक ओरियंटल लाइब्रेरी (पटना), के.पी. जायसवाल शोध संस्थान (पटना) एवं अन्य मान्यता प्राप्त प्रकाशनों से डॉ. प्रसाद की कई पुस्तकें प्रकाशित हैं। राजकमल प्रकाशन से कलियुग पर प्रकाशित पुस्तक कलयुग में इतिहास की तलाश को इस विषय पर प्रथम पुस्तक की मान्यता मिली है। इस प्रकाशन से प्रकाशित होने वाली अन्य पुस्तकें हैं—प्राचीन विश्व का उदय एवं विकास, मध्यकालीन योरोप, कौटिल्य का अर्थशास्त्र, बिहार : एक ऐतिहासिक अध्ययन, प्राचीन भारत का सामाजिक एवं आर्थिक इतिहास, मध्यकालीन इतिहास में विज्ञान, प्राचीन इतिहास में विज्ञान। डॉ. प्रसाद आजकल स्नातकोत्तर इतिहास में विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी पढ़ाते हैं। डॉ. प्रसाद को इंडियन काउंसिल ऑ$फ हिस्टोरिकल रिसर्च, नई दिल्ली से स्टडी ग्रांट, ट्रैवल ग्रांट, फैलोशिप और पब्लिकेशन ग्रांट मिल चुका है। शोध-प्रबन्ध डिके एंड रिवाइवल ऑ$फ मिडिवल टॉउन्स इन कर्नाटका के परीक्षक प्रो$फेसर रामशरण शर्मा और प्रो$फेसर एम.जी.एस. नारायणन थे।
No Review Found
More from Author