Publisher |
Rajkamal Parkashan Pvt Ltd |
Publication Year |
2018 |
ISBN-13 |
9789388183567 |
ISBN-10 |
9789388183567 |
Binding |
Hardcover |
Number of Pages |
112 Pages |
Language |
(Hindi) |
Dimensions (Cms) |
20 x 14 x 4 |
Weight (grms) |
270 |
हाल के दशकों में जिन कवियों ने अपनी प्रतिभा और काव्य-व्यवहार से सर्वाधिक चकित और विस्मित किया है उनमें सुधीर रंजन सिंह अग्रणी हैं। हिन्दी कविता के लगभग एकरस हो रहे स्वर को सुधीर ने अपनी कविताओं से न केवल भंग किया बल्कि उसे अनेक रंगों, रसों, ध्वनियों से सघन और संकुल किया। नितान्त अछूते, अनाघ्रात विषयों को कविता के कक्ष में आबद्ध करते हुए सुधीर रंजन ने कहन और प्रस्तुति की नई प्रविधि विकसित की जिसके अगले संस्करण के तौर पर इस नए संग्रह को देखा और परखा जा सकता है। कविता के ब्रह्मांड में व्यतीत ये परिवर्तन इतने सूक्ष्म एवं तरंगरूप हैं कि ज़रा-सी असावधानी पाठक को इस सम्पूर्ण ऐश्वर्य से वंचित कर सकती है।
Sudhir Ranjan Singh
Born: October 28, 1960 सुधीर रंजन सिंह जन्म: 28 अक्टूबर, 1960 कविता-संग्रह: और कुछ नहीं तो और मोक्षधरा। काव्य-अनुरचना: भर्तृहरि: कविता का पारस पत्थर। आलोचना: हिन्दी समुदाय और राष्ट्रवाद, कविता के प्रस्थान और कविता की समझ। वृत्तान्त: भारिया: पातालकोट का जीवन-छन्द। सम्पादन: अद्यतन हिन्दी आलोचना और आर.पी. नरोन्हा की पुस्तक अ टेल टोल्ड बाई एन इडियट का हिन्दी अनुवाद एक अनाड़ी की कही कहानी।
Sudhir Ranjan Singh
Rajkamal Parkashan Pvt Ltd