Araj Nihora  (Pb)

Author:

Prakash Uday

Publisher:

Rajkamal Parkashan Pvt Ltd

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Publisher

Rajkamal Parkashan Pvt Ltd

Publication Year 2020
ISBN-13

9789389577396

ISBN-10 9789389577396
Binding

Paperback

Number of Pages 151 Pages
Language (Hindi)
Dimensions (Cms) 20 x 14 x 4
Weight (grms) 147
अगर आप भोजपुरी की मौजूदासांस्कृतिक मुख्यधारा के साथ आलोचनात्मक सम्बन्ध विकसित करते हुए भोजपुरी जातीयता की पुनर्खोज करना चाहते हैं, अगर आप जीवन-संघर्षो के रस में सनी-पगी भोजपुरी की दूसरी परंपरा से अपने को जोड़ते हैं, अगर आप दया और घृणा के ध्रुवों के बीच विकसित होते इस इलाके के जीवन से कोई साबका रखते है तब यह संग्रह आपके ही लिए है ।

Prakash Uday

जन्म : 20 अगस्त, 1964। हिंदी-भोजपुरी की कविताई-कथक्कड़ी-बतकही में कभी-कभी और कहीं-कहीं कुछ-कुछ शामिल। एक कविता-किताब ‘बेटी मरे त मरे कुँआर’ प्रकाशित (1988)। ‘हिंदी की जनपदीय कविता’ और ‘हिंदी का जनपदीय गद्य’ के भोजपुरी खंड का संपादन। ‘वाचिक कविता : भोजपुरी’, ‘भोजपुरी-हिंदी-अंग्रेजी शब्दकोश’, ‘लोक और शास्त्र : अन्वय और समन्वय’ और कुछ और-और किताबों के संपादन में सहयोग। भोजपुरी पत्रिका ‘समकालीन भोजपुरी साहित्य’ और हिंदी पत्रिका ‘प्रसंग’ के संपादन से संबद्ध। ‘भारतीय भाषा लोक सर्वेक्षण’ के खंड 29, भाग-1 में भोजपुरी, विशेषत: उत्तर प्रादेशिक भोजपुरी का परिचय। सम्प्रति : श्री बलदेव पी.जी. कॉलेज, बड़ागाँव, वाराणसी में अध्यापन।
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