Aurat Hone Ki Saja

Author:

Arvind Jain

Publisher:

Rajkamal Parkashan Pvt Ltd

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Publisher

Rajkamal Parkashan Pvt Ltd

Publication Year 2006
ISBN-13

9788126712380

ISBN-10 9788126712380
Binding

Paperback

Number of Pages 275 Pages
Language (Hindi)
Dimensions (Cms) 20 x 14 x 4
Weight (grms) 323
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Arvind Jain

महिला, बाल एवं कॉपीराइट क़ानून के विशेषज्ञ और चर्चित लेखक-कथाकार। जन्म : 7 दिसम्बर, 1953; उकलाना मंडी, हिसार (हरियाणा)। शिक्षा : प्रारम्भिक शिक्षा जनता हाईस्कूल, उकलाना; एस.डी. हायर सेकेंडरी स्कूल, हाँसी; जैन हाईस्कूल और वैश्य कॉलेज, रोहतक (हरियाणा) में। पंजाब विश्वविद्यालय से वाणिज्य स्नातक (1974) और दिल्ली विश्वविद्यालय से विधि स्नातक (1977)। पंजाब विश्वविद्यालय (1973) में सर्वश्रेष्ठ वक्ता पुरस्कार से सम्मानित। बाल-अपराध न्याय अधिनियम के लिए भारत सरकार द्वारा गठित विशेषज्ञ समिति के सदस्य। प्रकाशित पुस्तकें : औरत होने की सज़ा, उत्तराधिकार बनाम पुत्राधिकार, न्यायक्षेत्रे अन्यायक्षेत्रे, यौन हिंसा और न्याय की भाषा तथा औरत : अस्तित्व और अस्मिता शीर्षक से महिलाओं की क़ानूनी स्थिति पर विचारपरक पुस्तकें। लापता लड़की कहानी-संग्रह। विभिन्न पत्र-पत्रिकाओं में शोध-लेख, कहानियाँ, समीक्षाएँ, कविताएँ और क़ानून सम्बन्धी स्तम्भ-लेखन। सम्मान : हिन्दी अकादमी, दिल्ली द्वारा वर्ष 1999-2000 के लिए साहित्यकार सम्मान; कथेतर साहित्य के लिए वर्ष 2001 का शमशेर सम्मान। सम्पर्क : सेक्टर 5, प्लॉट नं. 835, वैशाली, ग़ाज़ियाबाद, उत्तर प्रदेश—201 010
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