Bharat ka Rakshak Maharaja Suheldev

Author:

Amish

Publisher:

Eka

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Publisher

Eka

Publication Year 2020
ISBN-13

9789387894044

ISBN-10 9789387894044
Binding

Paperback

Number of Pages 336 Pages
Language (Hindi)
Dimensions (Cms) 19.8X13X2.2
Weight (grms) 260
ग़ज़नी के महमूद और उसके बर्बर तुर्क गिरोहों के लगातार हमलों ने भारत के उत्तरी इलाकों को कमज़ोर कर दिया था। हमलावरों ने उपमहाद्वीप के बहुत बड़े इलाके को बर्बाद करने के लिए छीना-झपटी, हत्या, बलात्कार और लूटपाट का सहारा लिया। कई पुराने भारतीय साम्राज्य, जो अब तक थक चुके थे और बंटे हुए थे, उन हमलावरों के सामने टिक नहीं सके। जिन्होंने युद्ध के पुराने नियमों के साथ लड़ाई की, वे जीत के लिए हर बार नियमों को तोड़ने वाली बर्बर तुर्क सेना को रोकने में नाकाम रहे। इसके बाद तुर्क देश के सबसे पवित्र मंदिरों में से एक—सोमनाथ में भगवान शिव के भव्य मंदिर—पर हमला करते हैं और उसे बर्बाद कर देते हैं। भारी निराशा से भरे इस काल में एक योद्धा राष्ट्र की रक्षा के लिए सामने आता है। महाराजा सुहेलदेव। एक छोटे से राज्य का ये शासक महसूस करता है कि अपनी मातृभूमि के लिए क्या किया जाना चाहिए, और इसके लिए वो अपना सब कुछ बलिदान करने को तैयार है। एक प्रचंड विद्रोही। एक करिश्माई नेता। एक पक्का देशभक्त। साहस और वीरता की इस रोमांचक महागाथा को पढ़िए, जो सच्ची घटनाओं पर आधारित है, और शेर के समान उस निडर योद्धा और बहराइच के महासंग्राम की याद दिलाती है। ‘अमीश भारत के सबसे बड़े साहित्यिक रॉकस्टार हैं।’ – शेखर कपूर

Amish

AMISH is a 1974-born IIM (Kolkata)-educated, boring banker turned happy author. The success of his debut book, The Immortals of Meluha (Book 1 of the Shiva Trilogy), encouraged him to give up a fourteen-year-old career in financial services to focus on writing. He is passionate about history, mythology and philosophy, finding beauty and meaning in all world religions. Amishs books have sold more than 5.5 million copies and have been translated into over 19 languages.
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