Bharat Vibhajan Ke Gunaghar (Hindi)

Author:

Rammanohar Lohia

Publisher:

Rajkamal Parkashan Pvt Ltd

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Publisher

Rajkamal Parkashan Pvt Ltd

Publication Year 2023
ISBN-13

9788180313486

ISBN-10 8180313484
Binding

Paperback

Edition 3rd
Number of Pages 95 Pages
Language (Hindi)
Dimensions (Cms) 21.5X14X1
Weight (grms) 115

भारत की आज़ादी के साथ जुड़ी देश-विभाजन की कथा बड़ी व्यथा-भरी है। आज़ादी के सुनहरे भविष्य के लालच में देश की जनता ने देश-विभाजन का ज़हरीला घूँट दवा की तरह पी लिया, लेकिन यह प्रश्न आज तक अनुत्तरित ही बना हुआ है कि क्या भारत- विभाजन आवश्यक था ही? इस सम्बन्ध में मौलाना अबुल कलाम आज़ाद ने अवश्य लिखा है और उन्होंने विभाजन की ज़िम्मेदारी तत्कालीन अन्य नेताओं पर लादी है। डॉ. राममनोहर लोहिया ने विभाजन के निर्णय के समय होनेवाली सभी घटनाओं को प्रत्यक्ष देखा था और इस पुस्तक में उन्होंने देश-विभाजन के कारणों और उस समय के नेताओं के आचरण पर बड़ी निर्भीकता से विश्लेषण प्रस्तुत किया है।लोहिया जी इस देश-विभाजन को नक़ली मानते थे और उनका विश्वास था कि एक दिन फिर देश के बँटे हुए टुकड़े एक होकर पूरा भारत एक बनाएँगे। लोहिया का यह सपना सच हो, यही कामना हम भी करते हैं।—ओंकार शरद

Rammanohar Lohia

डॉ. राममनोहर लोहिया ,जन्म : अकबरपुर (फ़ैज़ाबाद, उ.प्र.), 23 मार्च, 1910 शिक्षा : अकबरपुर, बनारस और कलकत्ता में। बर्लिन विश्वविद्यालय से 1933 में अर्थशास्त्र में पीएच.डी.। 1934 में कांग्रेस सोशलिस्ट पार्टी के संस्थापक सदस्य, राष्ट्रीय कार्यकारिणी के सदस्य, ‘कांग्रेस सोशलिस्ट' (अंग्रेज़ी साप्ताहिक, कलकत्ता) का सम्पादन। 1936-38 में अखिल भारतीय कांग्रेस समिति के विदेश-सचिव। 1942 की अगस्त क्रान्ति का नेतृत्व, विशेष रूप में कांग्रेस रेडियो का संचालन। 1944 के आरम्भ में गिरफ़्तारी, लाहौर के क़िले में यातनाएँ। 1946 में रिहाई के दो महीने बाद ही गोवा के मुक्ति संग्राम का नेतृत्व, नेपाल के लोकतांत्रिक आन्दोलन का (1950 तक) मार्गदर्शन। 1946 में बंगाल और बाद में दिल्ली में गांधी जी के शान्ति प्रयत्नों में सक्रिय योग। 1948 में हिन्द किसान पंचायत के अध्यक्ष। 1947-51 में समाजवादी दल की विदेश नीति समिति के सम्मेलन में भारतीय प्रतिनिधि के रूप में यूरोप यात्रा, 1951 में विश्व-यात्रा। 1954 में प्रजा सोशलिस्ट पार्टी के महामंत्री। 1955-56, सोशलिस्ट पार्टी की स्थापना, प्रथम अध्यक्ष। 1958 में अंग्रेज़ी हटाओ, दाम बाँधो, और जाति विनाश आन्दोलनों का सूत्रपात और संगठन-निर्माण। 1962 में फ़र्रुख़ाबाद उ.प्र. से उपचुनाव में लोकसभा के सदस्य निर्वाचित। 1964 में अमरीका यात्रा और रंगभेद के विरुद्ध सिविल नाफ़रमानी करने पर गिरफ़्तारी। 1966 में रूस और पूर्वी जर्मनी की यात्रा। 1937 से 1966 के बीच ब्रितानी, पुर्तगाली, और कांग्रेसी शासनों द्वारा कुल 18 बार गिरफ़्तार। निधन : नई दिल्ली के विलिंग्डन अस्पताल में 12 अक्टूबर, 1967 मे
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