Bismillah Khan: Banaras Ke Ustad (Hindi)

Author:

Juhi Sinha

,

Akshay Kumar (Translator)

Publisher:

Niyogi Books

Rs557 Rs795 30% OFF

Availability: Available

    

Rating and Reviews

0.0 / 5

5
0%
0

4
0%
0

3
0%
0

2
0%
0

1
0%
0
Publisher

Niyogi Books

Publication Year 2019
ISBN-13

9789386906588

ISBN-10 9789386906588
Binding

Hardcover

Language (Hindi)
Weight (grms) 567
"बिस्मिल्लाह ख़ान - बनारस के उस्ताद वह किताब है जो पाठकों को भारत के सबसे महान कलाकारों में से एक के दिल और घर-परिवार ही नहीं उनके ख़्याल और मौसीकी से भी रू-ब-रू करती है। यह डुमरांव जैसे छोटे क़स्बे से बनारस और फिर दुनिया तक के सफ़र को बयां करती है। यह किताब बिस्मिल्लाह ख़ान के बचपन से लेकर बड़े होने तक, शागिर्द से उस्ताद, शिष्य से दिग्गज बनने तक या शुरुआती दिनों में एक कार्यक्रम का मेहनताना पांच रुपये से हर पेशकश के लिए पांच से दस लाख रुपये के बीच कुछ भी लेने तक उनकी पूरी कहानी बताती है। बिस्मिल्लाह ख़ान की ज़िन्दगी बनारस की सड़कों, गलियों और मुहल्लों, इसके घाटों, मंदिरों, महफ़िल और साज़िन्दों के आसपास घूमती है, जो इसको उनके साथ गुज़रा हुआ एक युग बना देती है। लेखिका ने बखूबी बीसवीं सदी के बनारस में इसके क़िरदार और अंदाज़ को तरोताज़ा कर दिया है। इस किताब के लिए रईस रजवाड़ों, गणिकाओं और कई कलाकारों से बातचीत की गई। बिस्मिल्लाह ख़ान की असाधारण प्रतिभा के लिए बनारसी समाज के रंगीन ताने-बाने को एकदम सही पृष्ठभूमि के रूप में देखा गया। यह किताब बिस्मिल्लाह ख़ान की सनकी मिज़ाज और कमजोरियों को भी उसी ख़ूबसूरती से बताती है- मौसीकी के दिग्गज इस कलाकार का कद उसकी हाज़िरजवाबी, दिल्लगी और करिश्मे को कभी भी छिपा नहीं सकता हैं।

Juhi Sinha

जूही सिन्हा एक फ़िल्म निर्माता–निर्देशक और लेखक हैं। उनका अपना प्रोडक्शन हाउस है। उन्होंने ऐसे कार्यक्रमों को लिखा, बनाया और निर्देशित किया है जो दूरदर्शन और सैटेलाइट चैनलों पर प्रसारित हो चुके हैं और देश के तथा विदेश के फ़िल्म समारोहों में दिखाए जा चुके हैं। भारत के प्रमुख समाचार पत्रों और पत्रिकाओं में लेखन के अतिरिक्त, उन्होंने बच्चों के लिए (स्कॉलैस्टिक इण्डिया) के साथ साथ सामान्य पाठकों के लिए कई लघु कथाएं भी लिखी हैं, जिन्हें अंतरराष्ट्रीय ख्याति मिली है। 2007 में पेंगुइन इंडिया ने उनकी अब तक की अन्तिम पुस्तक “बियॉन्ड डून्स - जर्नीज़ इन राजस्थान” प्रकाशित की थी.

Akshay Kumar (Translator)

कानपुर में जन्मे अक्षय कुमार ने शिक्षा दीक्षा कानपुर एवं लखनऊ में पूरी की। यह लगभग 30 वर्षों से पकारिता से जुड़े हैं। इतिहास में विशेष रुचि के साथ विभिन्न विषयों पर इनके लेख प्रकाशित होते रहे हैं।
No Review Found
More from Author