Looi Ka Tana

Author:

Rangey Raghav

Publisher:

Rajpal Sons

Rs175

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Publisher

Rajpal Sons

Publication Year 2016
ISBN-13

9788170287186

ISBN-10 8170287189
Binding

Paperback

Number of Pages 130 Pages
Language (Hindi)
Weight (grms) 175
हिन्दी के प्रख्यात साहित्यकार रांगेय राघव ने विशिष्ट कवियों, कलाकारों और चिन्तकों के जीवन पर आधारित उपन्यासों की एक माला लिखकर साहित्य की एक बड़ी आवशयकता को पूर्ण किया है। प्रस्तुत उपन्यास प्रसिद्ध किव तथा संत कबीर के जीवन पर आधारित अत्यंत रोचक रचना है। उत्तर तथा दक्षिण, सम्पूर्ण भारत की संत परम्परा में कबीर का अपना बिलकुल अलग स्थान है। गम्भीर ईशवर-भक्त होते हुए भी उन्होंने सभी धर्मों की अनुचित मान्यताओं और आडम्बर पर गहरी चोट की और कुरीतियों को अनावृत किया। उन्होंने हिन्दू और मुसलमान दोनों को सम्बोधित किया और वे स्वयं क्या थे, इसका अन्त तक पता ही न चल सका। इसलिए दोनों ने ही उन्हें समान रूप से स्वीकारा और मान्यता प्रदान की जो आज तक चली आ रही है। कपड़ा बुननेवाले कवि संत कबीर की पत्नी लोई ने उनके जीवन में जो योगदान किया, वह महत्तवपूर्ण है। प्रस्तुत उपन्यास इसी सूत्र के सहारे उनके जीवन का चित्रण करता है। लेखक रांगेय राघव इतिहास के गम्भीर विद्वान तथा आग्रही हैं इसलिए उनके द्वारा प्रस्तुत यह रचना पठनीय होने के साथ ही इतिहाससम्मत और सच्चाई के बहुत करीब भी है।

Rangey Raghav

डाॅ. रांगेय राघव बहुमुखी प्रतिभा के धनी साहित्यकार थे। अपने छोटे से जीवनकाल में उन्होंने कविता, कहानी, नाटक, आदि विभिन्न विधाओं से हिन्दी साहित्य को समृद्ध किया। मूल रूप से दक्षिण भारतीय होने के बावजूद हिन्दी पर उनकी पकड़ सराहनीय थी।
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