Delhi Ke Chatkhare (Hindi)

Author:

Shahid Ahmed Dehalvi

,

Shaoib Shahid

Publisher:

Rajkamal Parkashan Pvt Ltd

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Publisher

Rajkamal Parkashan Pvt Ltd

Publication Year 2022
ISBN-13

9789391080822

ISBN-10 9391080820
Binding

Paperback

Edition 1st
Number of Pages 95 Pages
Language (Hindi)
Dimensions (Cms) 19X12X1
Weight (grms) 114

"दिल्ली के चटख़ारे" शाहिद अहमद देहलवी की उन मज़ामीन का मज्मूआ है जिनमें गुज़रे ज़माने के दिल्ली शहर को बड़े ही दिलचस्प तरीक़े से बयान किया गया है। इन मज़ामीन में दिल्ली के बाज़ार, कटरे, मुहल्ले की खिड़कियाँ, फेरी वालों की सदाएँ, देग़ों और भट्टियों से उठने वाली महक का ऐसा बयान है कि पढ़ते हुए सारा मंज़र आँखों के सामने आ जाता है।

Shahid Ahmed Dehalvi

शाहिद अहमद देहलवी,उर्दू के मशहूर नस्त्र-निगार शाहिद अहमद देहलवी की पैदाइश 22 मई 1906 को दिल्ली में हुई। वो मौलवी नज़ीर अहमद के पोते और मौलवी बशीरुद्दीन के बेटे थे। उनके पिता हैदराबाद राज्य में कार्यरत थे। इसलिए उनकी प्राथमिक शिक्षा वहीं हुई लेकिन उसके बाद वे अलीगढ़ और फिर दिल्ली चले गए। अरबी स्कूल से उन्होंने दसवीं की परीक्षा पास की, फिर लाहौर चले गए। उसके बाद उन्होंने स्टीफ़न कॉलेज से इंग्लिश ऑनर्स किया, लेकिन दिल्ली यूनिवर्सिटी से फ़ारसी में एम. ए. किया। मौसीक़ी में भी उनकी ख़ासी दिलचस्पी थी। अपनी तालीम पूरी करने के बाद, उन्होंने 1930 में माहाना रिसाले 'साक़ी' की शुरुआत की जो बहुत लोकप्रिय हुई। इसी नाम का एक बुक डिपो भी खोला । बँटवारे के बाद वो पाकिस्तान चले गए और कराची से अपना रिसाला फिर से जारी किया। उन्होंने रिसाले के लिए कड़ी मेहनत करना जारी रखा लेकिन माली हालत अच्छी नहीं रही। उन्होंने रेडियो के लिए कुछ मज्मूए भी लिखे। 1959 में 'पाकिस्तान राइटर्स गिल्ड' में शामिल हो गए। शाहिद अहमद देहलवी ने पचास से अधिक किताबें लिखी हैं जिनमें'देहली की बिप्ता', 'गंजीना-ए-गुहर', और 'फ़ॉस्ट' अहम हैं। ज़बान पर भी उनका बड़ा इख़्तियार था और उन्होंने शायरी के फ़रोग़ में अहम इमदाद की । 27 मई, 1967 को दिल का दौरा पड़ने से उनका इन्तक़ाल हो गया।

Shaoib Shahid

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