Sangharsh Ki Or

Author:

Narendra Kohli

Publisher:

VANI PRAKSHAN

Rs187 Rs250 25% OFF

Availability: Available

    

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Publisher

VANI PRAKSHAN

Publication Year 2012
ISBN-13

9788181431899

ISBN-10 9788181431899
Binding

Hardcover

Number of Pages 111 Pages
Language (Hindi)
Dimensions (Cms) 21.5x14x1
Weight (grms) 400
दीक्षा', 'अवसर', 'संघर्षकीओर' तथा 'युद्ध' केअनेकसजिल्द, अजिल्दतथापॉकेटबुकसंस्करणप्रकाशितहोकरअपनीमहत्ताएवंलोकप्रियताप्रमाणितकरचुकेहैं।महत्वपूर्णपत्रपत्रिकाओंमेंइसकाधारावाहिकप्रकाशनहुआहै।उड़िया, कन्नड़, मलयालम, नेपाली, मराठीतथाअंग्रेज़ीमेंइसकेविभिन्नखण्डोंकेअनुवादप्रकाशितहोकरप्रशंसापाचुकेहैं।इसकेविभिन्नप्रसंगोंकेनाट्यरूपान्तरमंचपरअपनीक्षमताप्रदर्शितकरचुकेहैंतथापरम्परागतरामलीलामण्डलियाँइसकीओरआकृष्टहोरहीहैं।यहप्राचीनतातथानवीनताकाअद्भुतसंगमहै।इसेपढ़करआपअनुभवकरेंगेकिआपपहलीबारएकऐसीरामकथापढ़रहेहैं, जोसामयिक, लौकिक, तर्कसंगततथाप्रासंगिकहै।यहकिसीअपरिचितऔरअद्भुतदेशतथाकालकीकथानहींहै।यहइसीलोकऔरकालकी, आपकेजीवनसेसम्बन्धितसमस्याओंपरकेन्द्रितएकऐसीकथाहै, जोसार्वकालिकऔरशाश्वतहैऔरप्रत्येकयुगकेव्यक्तिकाइसकेसाथपूर्णतादात्म्यहोताहै।

Narendra Kohli

नरेन्द्र कोहली का जन्म 6 जनवरी 1940, सियालकोट ( अब पाकिस्तान ) में हुआ । दिल्ली विश्वविद्यालय से 1963 में एम.ए. और 1970 में पीएच.डी. की उपाधि प्राप्त की । शुरू में पीजीडीएवी कॉलेज में कार्यरत फिर 1965 से मोतीलाल नेहरू कॉलेज में । बचपन से ही लेखन की ओर रुझान और प्रकाशन किंतु नियमित रूप से 1960 से लेखन । 1995 में सेवानिवृत्त होने के बाद पूर्ण कालिक स्वतंत्र लेखन। कहानी¸ उपन्यास¸ नाटक और व्यंग्य सभी विधाओं में अभी तक उनकी लगभग सौ पुस्तकें प्रकाशित हुई हैं। उनकी जैसी प्रयोगशीलता¸ विविधता और प्रखरता कहीं और देखने को नहीं मिलती। उन्होंने इतिहास और पुराण की कहानियों को आधुनिक परिप्रेक्ष्य में देखा है और बेहतरीन रचनाएँ लिखी हैं। महाभारत की कथा को अपने उपन्यास "महासमर" में समाहित किया है । सन 1988 में महासमर का प्रथम संस्करण 'बंधन' वाणी प्रकाशन द्वारा प्रकाशित हुआ था । महासमर प्रकाशन के दो दशक पूरे होने पर इसका भव्य संस्करण नौ खण्डों में प्रकाशित किया है । प्रत्येक भाग महाभारत की घटनाओं की समुचित व्याख्या करता है। इससे पहले महासमर आठ खण्डों में ( बंधन, अधिकार, कर्म, धर्म, अंतराल,प्रच्छन्न, प्रत्यक्ष, निर्बन्ध) था, इसके बाद वर्ष 2010 में भव्य संस्करण के अवसर पर महासमर आनुषंगिक (खंड-नौ) प्रकाशित हुआ । महासमर भव्य संस्करण के अंतर्गत ' नरेंद्र कोहली के उपन्यास (बंधन, अधिकार, कर्म, धर्म, अंतराल,प्रच्छन्न, प्रत्यक्ष, निर्बन्ध,आनुषंगिक) प्रकाशित हैं । महासमर में 'मत्स्यगन्धा', 'सैरंध्री' और 'हिडिम्बा' के बारे में वर्णन है, लेकिन स्त्री के त्याग को हमारा पुरुष समाज भूल जाता है।जरूरत है पौराणिक कहानियों को आधुनिक परिप्रेक्ष्य में समझा जाये। इसी महासमर के अंतर्गततीन उपन्यास 'मत्स्यगन्धा', 'सैरंध्री' और 'हिडिम्बा' हैं जो स्त्री वैमर्शिक दृष्टिकोण से लिखे गये हैं ।
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