Pratinidhi Kahaniyan (Hindi)

Author:

Shivmurti

,

Vinod Tiwari

Publisher:

Rajkamal Parkashan Pvt Ltd

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Publisher

Rajkamal Parkashan Pvt Ltd

Publication Year 2023
ISBN-13

9788119028474

ISBN-10 8119028473
Binding

Paperback

Edition 1st
Number of Pages 208 Pages
Language (Hindi)
Dimensions (Cms) 17.5X12X1.5
Weight (grms) 250

शिवमूर्ति आम जन-मन को जीनेवाले, उनके बीच रचने-बसनेवाले, उन्हीं की दुनिया के एक ऐसे नागरिक हैं जो अपने समाज के लोगों की दशा-दुर्दशा की वास्तविक स्थितियों-परिस्थितियों को, बगैर किसी पर्दे या झालर-झूमर के सामने लाता है। उनकी कहानियों के पात्र पूरी ताकत के साथ सामाजिक अन्याय, पीड़ा, प्रताड़ना को जीते हुए भी, चुपचाप उसे सहन नहीं कर जाते। बल्कि उस यंत्रणा को भोगते हुए, उनसे लड़ते, पछाड़ खाते पर अन्ततः उन्हें पछाड़ते देखे जा सकते हैं। यही शिवमूर्ति की कहानियों की ताकत है। चित्रण में वही गँवई धूसरपन, विट, लोकोक्तियों से रची-पगी भाषा का सौन्दर्य। उनकी भाषा में किसी तरह की कोई चिकनाहट नहीं, कृत्रिमता नहीं, ठेठ सहज खुरदुरापन है। अगर शिवमूर्ति का कोई ‘शिवमूर्तियाना’ अन्दाज है तो इसी ‘कथाभाषा’ में है, जिसे उन्होंने अर्जित नहीं किया है, जिया है और कमाया है।

Shivmurti

कथाकार शिवमूर्ति का जन्म मार्च, 1950 में सुल्तानपुर (उत्तर प्रदेश) जिले के गाँव कुरंग में एक सीमान्त किसान परिवार में हुआ। पिता के गृहत्यागी हो जाने के कारण शिवमूर्ति को अल्प वय में ही आर्थिक संकट तथा असुरक्षा से दो-चार होना पड़ा। इसके चलते मजमा लगाने, जड़ी-बूटियाँ बेचने जैसे काम करने पड़े। कथा-लेखन के क्षेत्र में प्रारम्भ से ही प्रभावी उपस्थिति दर्ज करानेवाले शिवमूर्ति की कहानियों में निहित नाट्य सम्भावनाओं ने दृश्य-माध्यम को भी प्रभावित किया। कसाईबाड़ा, तिरिया चरित्तर, भरतनाट्यम तथा सिरी उपमाजोग पर फिल्में बनीं। तिरिया चरित्तर तथा कसाईबाड़ा और भरतनाट्यम के हजारों मंचन हुए। अनेक देशी-विदेशी भाषाओं में रचनाओं के अनुवाद हुए । साहित्यिक पत्रिकाओं यथा--मंच, लमही, संवेद तथा इंडिया इनसाइड ने इनके साहित्यिक अवदान पर विशेषांक प्रकाशित किए । प्रकाशित पुस्तकें : कहानी संग्रह : केसर कस्तूरी, कुच्ची का कानून । उपन्यास : त्रिशूल, तर्पण, आखिरी छलांग । नाटक : कसाईबाड़ा, तिरिया चरित्तर, भरतनाट्यम । सृजनात्मक गद्य : सृजन का रसायन । साक्षात्कार : मेरे साक्षात्कार (सं. सुशील सिद्धार्थ)। प्रमुख सम्मान : तिरिया चरित्तर कहानी 'हंस’ पत्रिका द्वारा सर्वश्रेष्ठ कहानी के रूप में पुरस्कृत। आनन्दसागर स्मृति कथाक्रम सम्मान, लमही सम्मान, सृजन सम्मान एवं अवध भारती सम्मान।

Vinod Tiwari

डॉ. विनोद तिवारी 23 मार्च, 1973 को उत्तर प्रदेश के देवरिया में निम्म-मध्यवर्गीय परिवार में जन्म । प्रारम्भिक़ शिक्षा देवरिया में । इलाहाबाद विशवविद्यालय, इलाहाबाद से बी. ए., एम.ए. और डी.फिल. । दिल्ली विशवविद्यालय, दिल्ली के हिन्दी विभाग में एसोसिएट प्रोफेसर । पूर्व में इलाहाबाद विश्वविद्यालय, इलाहाबाद, महात्मा गाँधी अन्तर्राष्ट्रीय हिन्दी विशवविद्यालय वर्धा, बनारस हिन्दू विश्वविद्यालय, वाराणसी में अध्यापन कार्य । दो वर्षों के लगभग अंकारा विश्वविद्यालय, अंकारा (तुर्की) में विजिटिंग प्रोफेसर । अब तक हैं 'परम्परा, सर्जन और उपन्यास' , 'नयी सदी की दहलीज पर' , 'विजयदेव नारायण साही' (साहित्य अकादमी के लिए विनिबन्ध) , 'निबन्ध: विचार - रचना' , 'आचार्य रामचन्द्र शुक्ल के श्रेष्ठ निबन्ध' , 'आचार्य महाबीर प्रसाद द्विवेदी के श्रेष्ठ निब-ध' , 'उपन्यास: कला और सिद्धान्त - 1, 2' , 'कथालोचना: दृश्य-परिदृश्य' और 'नाजिम हिकमत के देश में जैसी पुस्तकों का लेखन और सम्पादन कर चुके हैं । महात्मा गांधी अन्तर्राष्ट्रीय हिन्दी विश्वविद्यालय वर्धा की पत्रिका 'बहुवचन' के दो अंकों का सम्पादन । हिन्दी जनक्षेत्र में बहुचर्चित और स्वीकृत पत्रिका 'पक्षधर' का सम्पादन-प्रकाशन कर रहे है । युवा आलोचना के लिए 'देवीशंकर अवस्थी आलोचना सम्मान - 2013' और 'वनमाली कथालोचना सम्मान- 2016' से सम्मानित । सम्पर्क: हिन्दी विभाग, कला संकाय, उत्तरी परिसर, दिल्ली विश्वविद्यालय, दिल्ली- 110 007 (आवास) - C- 4/604 , आँलिव काउंटी, सेक्टर-5, वसुन्धरा, गाजियाबाद- 201 012
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