प्रस्तुत पुस्तक में हिन्दी के विपुल और विविध आलोचना-साहित्य का विकास-क्रम दिखाते हुए उसका विस्तृत विवेचन किया गया है। लेखक ने कोशिश की है कि आलोचना-साहित्य के मूल स्रोतों को देखकर ही उसके विषय में कुछ लिखा जाए। यह अध्ययन प्रधानत: शुक्ल और प्रमुख शुक्लोत्तर समीक्षकों पर ही आधारित है। इसमें पं. रामचन्द्र शुक्ल के आलोचक की शक्ति को समझने का उद्यम किया गया है और उन्होंने आलोचक बनने की जो गम्भीर साधना की थी, उस पर प्रकाश डाला गया है। पं. नन्ददुलारे वाजपेयी, पं. हजारीप्रसाद द्विवेदी तथा डॉ. नगेन्द्र की आलोचनात्मक कृतियों का जायजा लिया गया है और प्रगतिशील समीक्षकों में डॉ. रामविलास शर्मा तथा डॉ. नामवर सिंह के योगदान पर विचार किया गया है। पुस्तक की विशेषता यह है कि इसमें भारतेन्दु युग और द्विवेदी युग की पत्र-पत्रिकाओं और छायावादी कवियों के आलोचनात्मक विचारों के भी महत्त्व को ठीक ढंग से आँकने का प्रयास है। कुल मिलाकर, पुस्तक में हिन्दी आलोचना को नये ढंग से देखा-परखा गया है।.
Vishwanath Tripathi
विश्वनाथ त्रिपाठी जन्म: 16 फरवरी, 1931, जिला बस्ती (अब सिद्धार्थनगर) के बिस्कोहर गाँव में। पिता: श्री तेज बहादुर तिवारी। माता: श्रीमती सिरताजी देवी। 13 जुलाई, 1956 को श्रीमती माहेश्वरी त्रिपाठी से विवाह। शिक्षा: पहले गाँव में, फिर बलरामपुर कस्बे में, उच्च शिक्षा कानपुर और वाराणसी में। पंजाब विश्वविद्यालय, चंडीगढ़ से पी-एच.डी.। कृतियाँ: प्रारम्भिक अवधी, हिन्दी आलोचना, हिन्दी साहित्य का संक्षिप्त इतिहास, लोकवादी तुलसीदास, मीरा का काव्य, देश के इस दौर में (परसाई केन्द्रित), कुछ कहानियाँ: कुछ विचार, पेड़ का हाथ (केदारनाथ अग्रवाल केन्द्रित), जैसा कह सका (कविता संकलन), नंगातलाई का गाँव (स्मृति-आख्यान), व्योमकेश दरवेश (आचार्य हजारीप्रसाद द्विवेदी का पुण्य स्मरण)। सम्पादन: आचार्य हजारीप्रसाद द्विवेदी के साथ अद्दहमाण (अब्दुल रहमान) के अपभ्रंश काव्य ‘संदेश रासक’ का सम्पादन, कविताएँ 1963, कविताएँ 1964, कविताएँ 1965 (तीनों अजित कुमार के साथ), हिन्दी के प्रहरी: रामविलास शर्मा (अरुण प्रकाश के साथ)। सम्मान: गोकुलचन्द्र शुक्ल आलोचना पुरस्कार, डॉ. रामविलास शर्मा सम्मान, सोवियत लैंड नेहरू पुरस्कार, हिन्दी अकादमी का साहित्यकार सम्मान। सम्पर्क: बी.-5, एफ-2, दिलशाद गार्डन, दिल्ली-45 फोन: 011-22581418
Vishwanath Tripathi
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