Kale Ujale Din (Hindi)

Author:

Amarkant

Publisher:

Rajkamal Parkashan Pvt Ltd

Rs169 Rs199 15% OFF

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Publisher

Rajkamal Parkashan Pvt Ltd

Publication Year 2003
ISBN-13

9788119159819

ISBN-10 8119159810
Binding

Paperback

Edition 1st
Number of Pages 163 Pages
Language (Hindi)
Dimensions (Cms) 22X14.5X1.5
Weight (grms) 179

वस्तुतः हमारा आज का जीवन कई खंडों में बिखरा हुआ-सा नज़र आता है। सामाजिक ढाँचे में असंगतियाँ और विषमताएँ हैं, जिनकी काली छाया समाज के प्रत्येक सदस्य के व्यक्तिगत जीवन पर पड़े बिना नहीं रहती। इसीलिए एक बेपनाह उद्देश्यहीनता और निराशा आज हरेक पर छाई हुई है। स्वस्थ, स्वाभाविक और सच्चे जीवन की कल्पना भी मानो आज दुरूह हो उठी है। इस कथानक के सभी पात्र ऐसे ही अभिशापों से ग्रस्त हैं। मूल नायक तो बचपन से ही अपने सही रास्ते से भटककर ग़लत रास्तों पर चला जाता है। उसके माता-पिता और परिजन भी तो भटके हुए थे। लेकिन वह अपने भटकाव में ही अपनी मंज़िल को पा लेता है। क्या इस तरह इस कथानक का सुखद अन्त होता है? नहीं। आँसू का अन्तिम क़तरा तो सूखता ही नहीं। संयोग और दुर्घटना का सुखान्त कैसा? मानव-जीवन कोई दुर्घटनाओं और संयोगों की समष्टि मात्र नहीं है! जब तक सारी सामाजिक व्यवस्था बदल नहीं जाती, जब तक हमारा जीवन-दर्शन आमूल बदल नहीं जाता, तब तक ऐसी दुर्घटनाएँ होती रहेंगी—चाहे उनका परिणाम दुःखद हो या सुखद। आज की समाज-व्यवस्था के परिवर्तन के साथ नारी की स्वतंत्रता का प्रश्न भी जुड़ा हुआ है। क्रान्ति का त्यागमय जीवन उसके जीवन-काल में क्या मर्यादा पा सका? उसके आदर्श को क्या उचित मूल्य मिला? रजनी का त्याग भी क्या सम्मान पा सका? उसकी सहानुभूति, ममता और प्रेम-भावना क्या आँसू से भीगी नहीं हैं? क्या उसके जीवन का सुख किसी और के दुःख पर आश्रित नहीं है? इन्हीं सब प्रश्नों की गुत्थियाँ अमरकान्त का यह उपन्यास खोलता है।

Amarkant

अमरकान्त जन्म: 1 जुलाई, 1925; ग्राम भगमलपुर (नगरा), जिला बलिया, (उ.प्र.)। प्रकाशित कृतियाँ: उपन्यास: सूखा पत्ता, काले-उजले दिन, कँटीली राह के फूल, ग्रामसेविका, सुखजीवी, बीच की दीवार, सुन्नर पांडे की पतोह, आकाश पक्षी, इन्हीं हथियारों से। कहानी संग्रह: जिन्दगी और जोंक, देश के लोग, मौत का नगर, मित्र-मिलन तथा अन्य कहानियाँ, कुहासा, तूफान, कलाप्रेमी, प्रतिनिधि कहानियाँ, दस प्रतिनिधि कहानियाँ, एक धनी व्यक्ति का बयान, सुख और दुःख का साथ, अमरकान्त की सम्पूर्ण कहानियाँ (दो खंडों में)। संस्मरण: कुछ यादें, कुछ बातें। बाल साहित्य: नेऊर भाई, वानर सेना, खूँटा में दाल है, सुग्गी चाची का गाँव, झगरू लाल का फैसला, एक स्त्री का सफर, मँगरी, बाबू का फैसला, दो हिम्मती बच्चे। पुरस्कार व सम्मान: सोवियतलैंड नेहरू पुरस्कार, मैथिलीशरण गुप्त पुरस्कार, उत्तर प्रदेश हिन्दी संस्थान पुरस्कार, यशपाल पुरस्कार, जन-संस्कृति सम्मान, मध्य प्रदेश का ‘अमरकान्त कीर्ति’ सम्मान, इलाहाबाद विश्वविद्यालय के हिन्दी विभाग का सम्मान, ‘इन्हीं हथियारों से’ उपन्यास, साहित्य अकादमी से पुरस्कृत। विशेष: विदेशी भाषाओं, प्रादेशिक भाषाओं, पेंग्विन इंडिया में कहानियाँ प्रकाशित, दूरदर्शन पर कहानियों पर फिल्में प्रदर्शित, रंगमंच पर कहानियों के नाट्य-रूपान्तरों का प्रदर्शन। निधन: 17 फरवरी, 2014.
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