कलाओं में भारतीय आधुनिकता के एक मूर्धन्य सैयद हैदर रज़ा एक अथक और अनोखे चित्रकार तो थे ही उनकी अन्य कलाओं में भी गहरी दिलचस्पी थी। विशेषत: कविता और विचार में। वे हिन्दी को अपनी मातृभाषा मानते थे और हालाँकि उनका फ्रेंच और अँग्रेज़ी का ज्ञान और उन पर अधिकार गहरा था, वे, फ्रांस में साठ वर्ष बिताने के बाद भी, हिन्दी में रमे रहे। यह आकस्मिक नहीं है कि अपने कला-जीवन के उत्तराद्र्ध में उनके सभी चित्रों के शीर्षक हिन्दी में होते थे। वे संसार के श्रेष्ठ चित्रकारों में, 20-21वीं सदियों में, शायद अकेले हैं जिन्होंने अपने सौ से अधिक चित्रों में देवनागरी में संस्कृत, हिन्दी और उर्दू कविता में पंक्तियाँ अंकित कीं। बरसों तक मैं जब उनके साथ कुछ समय पेरिस में बिताने जाता था तो उनके इसरार पर अपने साथ नवप्रकाशित हिन्दी कविता की पुस्तकें ले जाता था : उनके पुस्तक-संग्रह में, जो अब दिल्ली स्थित रज़ा अभिलेखागार का एक हिस्सा है, हिन्दी कविता का एक बड़ा संग्रह शामिल था।
Geet Chaturvedi
27 नवंबर 1977 को मुंबई में जन्मे गीत चतुर्वेदी को हिंदी के सबसे ज़्यादा पढ़े जाने वाले समकालीन लेखकों में से एक माना जाता है। उनकी दस किताबें प्रकाशित हैं, जिनमें दो कहानी-संग्रह (‘सावंत आंटी की लड़कियाँ’ व ‘पिंक स्लिप डैडी’, दोनों 2010) तथा दो कविता-संग्रह (‘आलाप में गिरह’, 2010 व ‘न्यूनतम मैं’, 2017) शामिल हैं। ‘न्यूनतम मैं’ करीब दो साल तक हिंदी की बेस्टसेलर सूची में शामिल रहा। साहित्य, सिनेमा व संगीत पर लिखे उनके निबंधों का संग्रह ‘टेबल लैम्प’ 2018 में आया। कविता के लिए गीत को भारत भूषण अग्रवाल पुरस्कार तथा गल्प के लिए कृष्णप्रताप कथा सम्मान, शैलेश मटियानी कथा सम्मान व कृष्ण बलदेव वैद फेलोशिप मिल चुके हैं। ‘इंडियन एक्सप्रेस’ सहित कई प्रकाशन संस्थानों ने उन्हें भारतीय भाषाओं के सर्वश्रेष्ठ लेखकों में शुमार किया है। गीत चतुर्वेदी की रचनाएँ देश-दुनिया की 19 भाषाओं में अनूदित हो चुकी हैं। उनकी कविताओं के अंगे्रज़ी अनुवाद का संग्रह ‘द मेमरी ऑफ नॉउ’ 2019 के बसंत में अमेरिका से प्रकाशित हुआ। उनके नॉवेल ‘सिमसिम’ के अंग्रेज़ी अनुवाद को (अनुवादक अनिता गोपालन) ‘पेन अमेरिका’ ने अंतरराष्ट्रीय स्तर पर प्रतिष्ठित ‘पेन-हैम ट्रांसलेशन ग्रांट’ अवार्ड किया है। गीत इन दिनों भोपाल रहते हैं।.
Amit Dutta
अमित दत्ता
जन्म : 5 सितम्बर, 1977, जम्मू में। 2004 में भारतीय फिल्म एवं टेलिविज़न संस्थान, पुणे से फिल्म निर्देशन में डिप्लोमा। राष्ट्रीय डिज़ाइन संस्थान, अहमदाबाद व भारतीय फिल्म एवं टेलीविज़न संस्थान, पुणे में कुछ वर्ष अध्यापन। भारतीय उच्च अध्ययन संस्थान, शिमला में 2015-17 तक टैगोर फेलो। 15 से ज़्यादा फीचर व लघु फिल्मों का निर्माण, जिनमें क्रमश: नैनसुख, सातवीं सैर, चित्रशाला, सोनचिड़ी व अज्ञात शिल्पी इत्यादि प्रमुख हैं। कई राष्ट्रीय व अन्तरराष्ट्रीय पुरस्कारों से सम्मानित। 2016 में प्रथम उपन्यास ‘कालजयी कमबख्त’ प्रकाशित। प्रयोगात्मक लेखन के लिए कृष्ण बलदेव वैद फेलोशिप पुरस्कार।
गीत चतुर्वेदी
27 नवम्बर, 1977 को मुम्बई में जन्मे गीत चतुर्वेदी के दो कविता-संग्रह और लम्बी कहानियों की दो किताबें प्रकाशित हैं। उन्हें अनेक सम्मान मिल चुके हैं। उनके नॉवेल ‘सिमसिम’ के अंग्रेज़ी अनुवाद को (अनुवादक अनिता गोपालन) ‘पेन अमेरिका’ ने अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर प्रतिष्ठित ‘पेन-हैम ट्रांसलेशन ग्रांट 2016’ अवार्ड किया है। गीत इन दिनों भोपाल में रहते हैं।
Geet Chaturvedi
,Amit Dutta
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