Kirdar (Hindi)

Author:

Manisha Kulshreshtha

Publisher:

Rajpal & Sons

Rs175 Rs195 10% OFF

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Publisher

Rajpal & Sons

Publication Year 2018
ISBN-13

9789386534415

ISBN-10 938653441X
Binding

Paperback

Number of Pages 143 Pages
Language (Hindi)
Dimensions (Cms) 21X14X1
Weight (grms) 184


''मेरे क़िरदार थोड़ा इसी समाज से आते हैं, लेकिन समाज से कुछ दूरी बरतते हुए। मेरी कहानियों में 'फ्रीक' भी जगह पाते हैं, सनकी, लीक से हटेले और जो बरसों किसी परजीवी की तरह मेरे ज़हन में रहते हैं। जब मुकम्मल आकार प्रकार ले लेते हैं, तब ये क़िरदार मुझे विवश करते हैं, उतारो हमें कागज पर। कोई कठपुतली वाले की लीक से हट कर चली पत्नी, कोई बहरूपिया, कोई डायन क़रार कर दी गई आवारा औरत, बिगड़ैल टीनेजर, न्यूड माॅडलिंग करने वाली, ...'' अछूते क़िरदार और विषय तो मनीषा कुलश्रेष्ठ के लेखन की पहचान है और यही बात उनकी इन कहानियों में भी पूरी उतरती है। जहाँ एक ओर क़िरदार की कहानियों में कथ्य और परिवेश की विविधता है तो दूसरी ओर, माला में धागे की तरह, एक केन्द्रीय विषय-वस्तु भी है। कथ्य, कहने की धार और लोकरंग इन कहानियों को बेहद पठनीय बनाता है। किरदारों के भीतर हो रही उथल-पुथल को बड़ी संवेदना से अंतर्मन को झकझोरती ये कहानियाँ पाठकों को बहुत समय तक याद रहेंगी। मनीषा कुलश्रेष्ठ सभी विधाओं में लिखती हैं और उनके अनेक कहानी संग्रह और उपन्यास प्रकाशित हो चुके हैं।






 



Manisha Kulshreshtha

जन्म: 26 अगस्त, 1967, जोधपुर। शिक्षा: बी.एससी., एम.ए. हिन्दी साहित्य), एम.फिल. विशारद (कथक)। प्रकाशित कृतियाँ: कहानी संग्रह: कठपुतलियाँ, कुछ भी तो रूमानी नहीं, केयर ऑफ स्वात घाटी, गन्धर्व-गाथा, बौनी होती परछाईं। उपन्यास: शिगाफ, शालभंजिका। अन्य: ‘नया ज्ञानोदय’ में इंटरनेट और हिन्दी पर लिखी लेखमाला की पुस्तक शीघ्र प्रकाश्य। अनुवाद: माया एंजलू की आत्मकथा ‘वाय केज्ड बर्ड सिंग’ के अंश, लातिन अमरीकी लेखक मामाडे के उपन्यास ‘हाउस मेड ऑफ डॉन’ के अंश, बोर्हेस की कहानियों का अनुवाद। पुरस्कार व सम्मान: चन्द्रदेव शर्मा सम्मान, 1989 (राजस्थान साहित्य अकादमी); कृष्ण बलदेव वैद फैलोशिप, 2007; डॉ. घासीराम वर्मा सम्मान, 2009; रांगेय राघव पुरस्कार वर्ष 2010 (राजस्थान साहित्य अकादमी)। बहुचर्चित उपन्यास ‘शिगाफ’ का हायडलबर्ग (जर्मनी) के साउथ एशियन मॉडर्न लैंग्वेजेज़ सेंटर में वाचन। सम्प्रति: स्वतंत्र लेखन और इंटरनेट की पहली हिन्दी वेबपत्रिका ‘हिन्दीनेस्ट’ का ग्यारह वर्षांे से सम्पादन। हिन्दीनेस्ट के अलावा, वर्धा विश्वविद्यालय की वेबसाइट ‘हिन्दी समय डॉट कॉम’ का निर्माण, संगमन की बेबसाइट ‘संगमन डॉट कॉम’ का निर्माण व देखरेख।.
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