कुत्ते शहर से दूर पिछड़े क्षेत्र में नियुक्त एक सेल्समैन, उसका एक बेहद चतुर-दुनियादार सहायक, घोडके, एक प्रौढ़वय स्त्री और उसके कुत्ते। इस नाटक की कथा इन्हीं के इर्द-गिर्द घूमती है। अपने घर-परिवार से दूर अकेलेपन और अनिद्रा से त्रस्त नायक घोडके की मार्फत उस रहस्यमयी स्त्री की कोठी में जा पहुँचता है जहाँ वह अपने सात पालतू कुत्तों के साथ रहती है। उसका विश्वास है कि इनमें से किसी एक कुत्ते के रूप में उसके दिवंगत पति ने पुनर्जन्म लिया है। स्त्री का दिव्य रूप, अभिजात संयम और आध्यात्मिक वलय नायक को पूरी तरह अपनी गिरफ्श्त में ले लेता है। और, एक अभागी रात वह कुछ ऐसा कर गुजरता है जो उसके भीतरी-बाहरी संसार को पूरी तरह बदल डालता है। विजय तेन्दुलकर के अन्य नाटकों की तरह यह नाटक भी मानव-जीवन की विडम्बनाओं और विद्रूपताओं को बड़े कौशल से खोलता है और दर्शक को सोच के एक नए धरातल पर ले जाता है। रंगशिल्प और मंचीय भाषा के लिहाज से भी यह नाटक विशिष्ट है। अपनी नाट्य-विधियों और गतिमयता के कारण यह पाठक और दर्शक, दोनों के लिए एक चिरस्मरणीय अनुभव होने की क्षमता रखता है।
Vijay Tendulkar
जन्म 6 जनवरी, 1928। मराठी के आधुनिक नाटककारों में शीर्षस्थ विजय तेन्दुलकर अखिल भारतीय स्तर पर प्रतिष्ठित एक महत्त्वपूर्ण नाटककार हैं। 50 से अधिक नाटकों के रचयिता तेन्दुलकर ने अपने कथ्य और शिल्प की नवीनता से निर्देशकों और दर्शकों, दोनों को बराबर आकर्षित किया। पूरे देश में उनके नाटकों के अनुवाद एवं मंचन हो चुके हैं। हिन्दी में उनके 30 से अधिक नाटक खेले जा चुके हैं। ‘खामोश! अदालत जारी है’, ‘घासीराम कोतवाल’, ‘सखाराम बाइंडर’, ‘जाति ही पूछो साधु की’ और ‘गिद्ध’ आदि बहुचर्चित-बहुमंचित नाटकों के अलावा उनकी प्रमुख नाट्य रचनाएँ हैं: ‘अंजी’, ‘अमीर’, ‘कन्यादान’, ‘कमला’, ‘चार दिन’, ‘नया आदमी’, ‘बेबी’, ‘मीता की कहानी’, ‘राजा माँगे पसीना’, ‘सफ़र’, ‘नया आदमी’, ‘हत्तेरी किस्मत’, ‘आह’, ‘दंभद्वीप’, ‘पंछी ऐसे आते हैं’, ‘काग विद्यालय’, ‘काग़ज़ी कारतूस’, ‘नोटिस’, ‘पटेल की बेटी का ब्याह’, ‘पसीना-पसीना’, ‘महंगासुर का वध’, ‘मैं जीता मैं हारा’, ‘कुत्ते’, ‘श्रीमंत’ आदि। विजय तेन्दुलकर के नाटकों में मानव जीवन की विषमताओं, स्वाभाविक व अस्वाभाविक यौन सम्बन्धों, जातिगत भेदभाव और हिंसा का यथार्थ चित्रण मिलता है। उनके अधिकांश पात्र मध्यम एवं निम्न मध्यमवर्ग के होते हैं और उनके विभिन्न रंग इन नाटकों में आते हैं। निधन: 19 मई, 2008।
Vijay Tendulkar
Rajkamal Parkashan Pvt Ltd