Magadhnama

Author:

Kumar Nirmalendu

Publisher:

LOKBHARTI PRAKASHAN

Rs480 Rs600 20% OFF

Availability: Available

Shipping-Time: Usually Ships 1-3 Days

    

Rating and Reviews

0.0 / 5

5
0%
0

4
0%
0

3
0%
0

2
0%
0

1
0%
0
Publisher

LOKBHARTI PRAKASHAN

Publication Year 2019
ISBN-13

9789388211611

ISBN-10 9789388211611
Binding

Paperback

Number of Pages 447 Pages
Language (Hindi)
Dimensions (Cms) 20 x 14 x 4
Weight (grms) 420
म अपने आरम्भिक दिनों में वैदिक आर्य संस्कृति के प्रभाव से मुक्त रहा है । तब वह 'व्रात्य-सभ्यता' का केन्द्र हुआ करता था । वैसे आगे चलकर च्यवन और दधीचि जैसे ऋषियों का जन्म म में ही हुआ । अथर्ववेद की रचना भी यहीं हुई । म की धरती पर तेईसवें तीर्थंकर पार्श्वनाथ को तत्वज्ञान हुआ, चौबीसवें तीर्थंकर वर्द्धमान महावीर को कैवल्य ज्ञान मिला; और गौतम सिद्धार्थ क्रो बुद्धत्व की प्राप्ति भी हुई । म की धरती पर यदि शूरवीरों की तलवारों की झंकार गूँजी; तो पूरी दुनिया को प्रेम, सत्य और अहिंसा का संदेश देने वाले बुद्ध और महावीर की अमृतवाणी भी मुखरित हुई । महावीर ने राजगृह में पहला सामूहिक उपदेश दिया; और राजगृह के समीप पावापुरी में राजा संस्थिपाल के राजभवन में उनका देहान्त हुआ । कुल चौबीस जैन तीर्थकरों में से दो को छोड़कर अन्य सभी ने म की धरती पर ही निर्वाण प्राप्त किया । यहीं खगोलविद आर्यभट पैदा हुए और गदूयकवि बाणभट्ट भी । यहाँ चाणक्य और कामन्दक जैसे कूटनीति-दक्ष आचार्य हुए; तो जीवक और धनवन्तरि जैसे आयुर्वेदाचार्य भी । बिम्बिसार, अजातशत्रु, उदयिन,कालाशोक, महापदयनंन्द, चन्द्रगुप्त मौर्य,अशोक, पुष्यमित्र शुंभ, चन्द्रगुप्त प्रथम,समुद्रगुप्त, चन्द्रगुप्त द्वितीय विक्रमादित्य जैसे प्रतापी राजाओं की एक लम्बी श्रृंखला है,जिनकी जन्मदात्री होने पर किसी को भी गर्व हो सकता है ।.

Kumar Nirmalendu

जन्म: 21 अक्टूबर, 1967 को बिहार में मुंगेर प्रमण्डल के शेखपुरा जिलान्तर्गत सादिकपुर नामक गॉव में । शिक्षा: इतिहास विषय से एम.ए. । गतिविधियाँ: विगत तो दशकों से राजकीय सेवा में । वर्तमान में उत्तर प्रदेश खादूय एवं रसद विभाग में राजपत्रित अधिकारी के रूप में कार्यरत । साहित्य सेवा: हिन्दी साहित्य और इतिहास दोनों ही विषयों में समान रूप से सक्रिय । साहित्य, कला एवं संस्कृति सम्बन्धी विषयों पर विभिन्न पत्र-पत्रिकाओं में अनियमित लेखन । प्रकाशित और सम्पादित पुस्तकें: 'मगधनामा' तथा ‘उपकार सामान्य हिन्दी, रूपरेखा, व्याकरण एवं प्रयोग' । महात्मा गॉधी अन्तर्राष्ट्रीय हिन्दी वि.वि. वर्धा के प्रो. कृष्ण कुमार सिह के साथ मिलकर 'प्रेमचन्द: जीवन-दृष्टि और संवेदना' नामक पुस्तक का सम्पादन, डॉ. गणेश पाण्डेय के साथ मिलकर 'यात्रा' नामक एक अनियतकालीन साहित्यिक लधु पत्रिका का सम्पादन
No Review Found
More from Author